नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने उत्तरप्रदेश के शामली के जिला प्रशासन को बालू खनन पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर यूपी के पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव को दो महीने के अंदर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया.
'अवैध खनन गतिविधि को बंद करा दिया'
सुनवाई के दौरान शामली के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने एनजीटी को बताया कि उसने एक निजी लीजधारक की ओर से की जा रही अवैध खनन गतिविधि को बंद करा दिया है. डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने बताया कि संबंधित निजी लीजधारक द्वारा बनाए गए अस्थायी पुल को भी नष्ट कर दिया गया है. उसके बाद एनजीटी ने कहा कि निजी लीजधारक के अवैध बालू खनन पर रोक लगाने के बाद जिला प्रशासन को ये सुनिश्चित करना होगा कि वो किसी भी अवैध बालू खनन पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाए.
NGT ने शामली में अवैध बालू खनन पर रोक लगाने का आदेश दिया - एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल
सुनवाई के दौरान शामली के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने एनजीटी को बताया कि उसने एक निजी लीजधारक की ओर से की जा रही अवैध खनन गतिविधि को बंद करा दिया है. डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने बताया कि संबंधित निजी लीजधारक द्वारा बनाए गए अस्थायी पुल को भी नष्ट कर दिया गया है.
![NGT ने शामली में अवैध बालू खनन पर रोक लगाने का आदेश दिया NGT ordered to ban illegal sand mining in Shamli UP](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-5248509-thumbnail-3x2-ksslsl.jpg)
एनजीटी ने नियमों का उल्लंघन करनेवाले निजी लीजधारक पर 20.45 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया. एनजीटी ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि वो निजी लीजधारक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें.
याचिका संदीप खरब ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि शामली में सैंड माईनिंग मैनेजमेंट गाईडलाइन्स, 2016 का उल्लंघन कर बालू का खनन किया जा रहा है. याचिका में एनजीटी के उस आदेश का उल्लेख किया गया था जिसमें एनजीटी ने हरियाणा और उत्तरप्रदेश सरकार को निर्देश दिया था कि नदी किनारे मशीन से खनन नहीं किया जाए. याचिका में कहा गया था कि निजी लीजधारक नियमों का उल्लंघन कर बालू का खनन कर रहा है.