नई दिल्ली:शाहदर जिला की साइबर पुलिस ने एक ऐसे को गिरफ्तार किया है, जो खुद को सेना का अधिकारी बता कर ठगी करता था. गिरफ्तार आरोपी की पहचान हरियाणा के नूह मेवात निवासी 55 वर्षीय अली मोहम्मद के तौर पर हुई है. डीसीपी ने बताया कि 10 जून को सूरजमल विहार निवासी अंकित गर्ग ने साइबर थाने में दी शिकायत में आरोप लगाया था कि वह तार निर्माण का काम कर रहे हैं. शिकायतकर्ता को आर्मी ऑफिसर स्कूल में तारों की आवश्यकता के लिए कॉल आया था. फोन पर बातचीत के बाद 47 हजार रुपये की राशि पर सौदा तय किया गया.
इसके बाद व्यापारी को एक और कॉल आया, जिसमें आर्मी ऑफिसर ने बैंक खाते में 5 रुपये ट्रांसफर करने के लिए कहा और आश्वासन दिया कि उनके बैंक खाते में दोगुनी राशि वापस कर दी जाएगी. उन्होंने उनसे छोटी राशि ट्रांसफर करने का प्रयास करने के लिए कहा. इसके बाद शिकायतकर्ता ने उपरोक्त खाते में 5 रुपये ट्रांसफर किए और 10 रुपये की राशि उनके बैंक खाते में वापस कर दी गई. इसके अलावा जालसाज ने उसे रिफंड में दोगुनी राशि प्राप्त करने के बड़ी राशि ट्रांसफर करने के लिए लुभाया. उन्होंने दो अलग-अलग बैंक अकाउंट में 47 हजार और 12 हजार रुपए ट्रांसफर किए, लेकिन उन्हें कोई राशि वापस नहीं मिली.
पुलिस ने जांच करते हुए आरोपी अली मोहम्मद की पहचान की और उसे नूंह (मेवात) से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान पता चला है कि यह जालसाजों का एक गिरोह है, जो इस ऑनलाइन धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा है और कई व्यक्तियों को ठगने में शामिल है. इस गिरोह के कुछ सदस्य खुद को सेना के अधिकारी के रूप में पेश करते हैं, फिर पीड़ित से संपर्क करते हैं. वे आधिकारिक उद्देश्य के लिए आइटम खरीदने की अपनी आवश्यकता दिखाते. टेलीफोन पर चर्चा के बाद वे सौदा तय करते हैं और व्हाट्सएप पर विक्रेताओं को अकाउंट नंबर भेजते हैं और उन्हें दिए गए बैंक खाते में 5 या 10 रुपये स्थानांतरित करने के लिए कहते हैं और उन्हें आश्वासन देते हैं कि उनके बैंक खाते में दोगुनी राशि वापस कर दी जाएगी.