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दिल्ली में दबंगों से परेशान होकर एक परिवार ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई, कही ये बात - राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राजधानी दिल्ली में दबंगों से परेशान होकर एक परिवार ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है. मामला उत्तर पूर्वी दिल्ली के ज्योति नगर इलाके का बताया जा रहा है. पीड़ित का आरोप है की पुलिस की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिल रही है, जिसके चलते वो इच्छा मृत्यु मांग रहे हैं

Delhi family appealed President for euthanasia
Delhi family appealed President for euthanasia

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Published : Aug 19, 2023, 2:53 PM IST

Updated : Aug 20, 2023, 7:08 AM IST

राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की गुहार

नई दिल्ली:उत्तर पूर्वी दिल्ली के थाना ज्योति नगर इलाके में रहने वाले मनोज सिंघल, अपने परिवार के साथ देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर रह रहे एक दबंग व्यक्ति की नजर उसके घर पर है, जिसका नाम ठाकुर विजयपाल सिंह है. पीड़ित मनोज सिंघल का आरोप है कि आए दिन विजयपाल उसे परेशान करता है. यही नहीं आरोपी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पीड़ित के खिलाफ कई फर्जी मुकदमा भी दर्ज करा चुका है. उन्होंने बताया कि आरोपी का संबंध माफियाओं से है, जिनके माध्यम से वह उसे जान से मारने की धमकी देता है. पीड़ित ने यह भी कहा कि पुलिस से शिकायत करने के बाद भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है.

इससे तंग आकर पीड़ित ने राष्ट्रपति से परिवार सहित इच्छा मृत्यु की मांग की है. पूरा परिवार दबंंगों के डर के साए में जीने को मजबूर है. न्याय नहीं मिलने के कारण पूरा परिवार टूट चुका है और पुलिस से बार-बार इंसाफ की गुहार लगा रहा है. पीड़ित का आरोप है कि पुलिस न उसकी सुनवाई कर रही है और न ही मदद कर रही है. उनका कहना है कि इस जिल्लत भरी जिंदगी से मर जाना ही बेहतर है.

इन देशों में कानूनी रूप से वैध है इच्छामृत्यु:पुर्तगाल, बेल्जियम, कनाडा, कोलंबिया, लक्समबर्ग, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, स्विट्जरलैंड, उरुग्वे और अमरीकी राज्य ओरेगन में इच्छामृत्यु कानूनी रूप से वैध है. पुर्तगाल की संसद ने तो तीन महीने पहले ही इच्छामृत्यु को मंजूरी दी वहां 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति इच्छा मृत्यु मांग सकता है. वहीं नीदरलैंड विश्व में पहला देश है, जिसने सबसे पहले इच्छा मृत्यु को कानूनी मान्यता दी. यहां 2002 से यह नियम लागू है.

  1. स्विटजरलैंड में विदेशी व्यक्ति भी कानूनी रूप से इच्छा मृत्यु मांग सकता है. वहां अपनी जान लेना यहां अपराध नहीं है. इतना ही नहीं, वहां दुनिया की पहली सुसाइड मशीन भी बनाई गई है.
  2. ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य में उन लोगों पर इच्छा मृत्यु का कानून लागू होता है, जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं और उनका दिमाग ठीक से काम कर रहा है. साथ ही जिनकी जिंदगी के सिर्फ छह महीने बचे हों.

भारत में इच्छा मृत्यु अवैध है. यहां संविधान जीवन जीने का अधिकार है, जीवन को खत्म करने का अधिकार नहीं है. अगर कोई व्यक्ति आत्महत्या का प्रयास करता है तो उस पर 309 की धारा लगती है. अगर किसी व्यक्ति को कोई अत्यंत असहनीय बीमारी है तो उस स्थिति में सुप्रीम कोर्ट इच्छा मृत्यु की मांग पर विचार कर सकता है.-मनीष भदौरिया, अधिवक्ता कड़कड़डूमा कोर्ट

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Last Updated : Aug 20, 2023, 7:08 AM IST

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