नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने कहा कि वो खतरनाक किस्म के कुत्तों की प्रजाति रखने के लिए लाइसेंस पर रोक लगाने के मामले पर जल्द फैसला करेगा. केंद्र सरकार ने ये सूचना बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन की अध्यक्षता वाली बेंच को दी. याचिका एक लॉ फर्म लीगल अटार्नीज एंड बैरिस्टर्स लॉ फर्म की ओर से दाखिल की गई है.
याचिका में खतरनाक किस्म के कुत्तों की प्रजातियों को रखने के लिए लाइसेंस देने पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि पिटबुल, टेरियर, अमेरिकल बुलडॉग, रॉटविलर, जापानी टोसा, बैंडॉग, नेपोलिटन मस्टीफ, वुल्फ डॉग, बोएरबोएल, प्रेसा कैनारियो, फिला ब्राजिलिएरो, टोसा इनु, कैने कोर्सा और डॉगो अर्जेंटीनो नामक कुत्तों की प्रजाति खतरनाक किस्म की है.
यह भी पढ़ेंः दिल्ली में कांग्रेस ने दिया आम आदमी पार्टी को झटका, AAP के कई नेताओं की घर वापसी
सुनवाई के दौरान जब केंद्र सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि खतरनाक किस्म के कुत्तों की प्रजाति को रखने के लिए लाइसेंस रोकने पर तेजी से विचार किया जा रहा है. तब याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इस मामले में केंद्र सरकार के समक्ष उन्होंने प्रतिवेदन दिया था, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इन खतरनाक कुत्तों की प्रजातियों पर 35 देशों में रोक लगी है. तब कोर्ट ने कहा कि कुत्तों की कई प्रजातियां हैं, जो देशी परिवेश के लिए अनुकुलित हैं.
कोर्ट ने लोकल फॉर वोकल अभियान को कुत्तों के मालिकों के बीच भी ले जाने को कहा. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार को जो प्रतिवेदन दिया है उस पर तीन महीने में फैसला किया. कोर्ट ने कहा कि अगर उसके बाद भी याचिकाकर्ता को कोई शिकायत होगी तो वो कोर्ट आ सकते हैं.
यह भी पढ़ेंः दिल्ली में ABVP के कार्यक्रम के दौरान बसाया जाएगा इन्द्रप्रस्थ शहर, गृहमंत्री अमित शाह करेंगे उद्घाटन