नई दिल्ली: दिल्ली समेत देशभर में कोरोना के मामले तेजी से कम हो रहे हैं, तो वहीं वैक्सीन मिलने की तारीख भी नजदीक आ गई है. ऐसे में लगता है जैसे कोरोना के दिन अब लद गए. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल यह कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि अभी भी एक संभावना है. इसके अनुसार अगले साल जून या जुलाई में फिर से कोरोना की एक बड़ी लहर आ सकती है.
वैक्सीन पर है सारा दारोमदार
राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के नोडल ऑफिसर डॉ. अजित जैन बताते हैं कि दिल्ली में कोरोना के मामले जो इतनी तेजी से नीचे गए हैं इसकी वजह हार्ड इम्यूनिटी है. लेकिन अभी तक के अनुभव बताते हैं कि कोरोना के प्रति जो इम्यूनिटी इंसानों में बन रही है, वो दो से छह महीने तक ही रह रही है. ऐसे में अगर वैक्सीन कारगर साबित नहीं हुई या समय पर लोगों तक नहीं पहुंच पाई तो यह हार्ड इम्यूनिटी टूट सकती है.आज जो आबादी का दो तिहाई हिस्सा इम्यून है वो छह महीने बाद रिस्क के घेरे में आ सकते हैं और स्थिति फिर से बिगड़ सकती.