नई दिल्ली: देश की राजनीतिक पार्टियों पर एक बड़ा खतरा मंडराने लगा है. आने वाले दिनों में पार्टियों के सर से उनकी टोपी छीन सकती हैं. इसके लिए कोर्ट से बैन की मांग भी की जा रही है.
राजनीतिक पार्टियों की टोपियों पर मंडराया खतरा पर्यावरण के लिए खतरनाक है टोपीटोपी सर पर रख एक कपड़ा भर नहीं होता, ये इंसान की शान के साथ ही पहचान भी होती है. करीब एक दशक पहले तक राजनीतिक पार्टियों की टोपियां कपड़े की होती थीं, लेकिन लोकपाल आंदोलन के समय यह कपड़ा बदल गया. यहां कपड़े की जगह एक प्लास्टिक जैसा कपड़ा आ गया, जो हल्का भी था और बहुत सस्ता भी. लेकिन आम आदमी सेना का आरोप है कि टोपी का यह कपड़ा प्रदूषण के लिहाज से खतरनाक है. उन्होंने सेन्ट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एन्ड टेक्नोलॉजी CIPET की रिपोर्ट को अपने दावे का आधार बताया है.
कोर्ट जाने की तैयारी में है आम आदमी सेना टोपी पर बैन की मांगआम आदमी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभात कुमार का कहना है कि टोपी में पोलिप्रोपलीन (प्लास्टिक) बड़ी मात्रा मे पाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पोलिप्रोपलीन को पर्यावरण के लिए घातक माना है. यह प्लास्टिक जल्द नष्ट नहीं होता है. अगर इस को जमीन में दबा दिया जाएगा तो लगभग साल 20 तक ना गलेगा ना मिटेगा. आम आदमी सेना इस रिपोर्ट को ले कर कोर्ट जा रही है और आने वाले 6 स्टेट के चुनाव में ये टोपी पर बैन लगवाने की मांग करेगी.