नई दिल्ली: देश की राजधानीमें लगातार बढ़ते कंस्ट्रक्शन और प्रदूषण की वजह से दिल्ली की राज्य पक्षी गौरैया राजधानी से दूर होती जा रही है. जो गोरिया कभी इंसानों के आसपास रहती थी और यहां की राज्य पक्षी हुआ करती थी. अब घनी आबादी वाले इलाकों में इसकी संख्या कम होती जा रही है, जो प्रदेश में रहने वाले लोगों के लिए चिंता का विषय है. राजधानी में जरूरतों को पूरा करने के लिए जंगलों की कटाई करते जा रहे है और पक्षियों को खुद से दूर करते जा रहे हैं.
दिल्ली बायोडायवर्सिटी पार्क के इंचार्ज डॉ फैयाज खुदसर ने विश्व गौरैया दिवस पर बताया कि गौरैया ने अपनी प्रजनन क्षमता नहीं खोई है. आज भी दिल्ली देहात के कुछ हिस्सों में गौरैया का डेरा है, जो उनकी काफी पसंदीदा जगह है. ऐसे में अगर राज्य पक्षी गौरैया को घनी आबादी वाले इलाकों में रहने के लिए प्राकृतिक जगह मिल जाए तो वह दोबारा से राजधानी किसान बन सकती है.
दिल्ली में गौरैया की वापसी की उम्मीदें बढ़ी:दिल्ली में लगातार बढ़ता कंक्रीट का जंगल और पेड़ों की कटाई गौरैया को दिल्ली से दूर करने का सबसे बड़ा कारण है. दिल्ली के सभी बायोडायवर्सिटी पार्क में अब गौरैया को वापस बुलाने के लिए डीडीए और वन विभाग द्वारा कटीले पौधे झाड़-झाड़ियां उड़ाई जा रही हैं, ऐसे में जब दिल्ली में जंगल बढ़ेंगे तो राज्य पक्षी गौरैया एक बार फिर दिल्ली किसान बन सकेगी और यहां पर दोबारा से चिड़ियों का चहचहाना लोगों को सुनाई देगा.