दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

चुनाव में बढ़ जाती है इन ब्रांड की शराब की डिमांड, जानिए कैसे लुभाती हैं पार्टियां - wine demands increased during election time

लोकसभा चुनाव 2019 करीब आ चुके हैं और देश की राजधानी दिल्ली में 12 मई को लोकसभा के चुनाव होने हैं. इसको लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने स्तर पर समर्थकों को इन दिनों लुभाने की कोशिश में जुटी हुई है. जिससे कि वह ज्यादा से ज्यादा वोट अपने पाले में ला सकें.

चुनाव में बढ़ जाती है इन ब्रांड की शराब की डिमांड

By

Published : Mar 24, 2019, 8:51 PM IST

नई दिल्ली:आपको यह तो पता ही होगा कि राजनीतिक पार्टियां समर्थकों को जुटाने और वोट पाने के लिए हर तरह की जोर आजमाइश करती हैं. इसमें एक बड़ा रोल अदा शराब भी करती है. कार्यकर्ताओं और वोट के लिए शराब की भी सप्लाई की जाती है.

क्या आपको यह पता है कि इन शराब में समर्थकों के हिसाब से पार्टियां ब्रांड भी रखती हैं. भले ही राजनीतिक पार्टियां इस बात को न कबूले, लेकिन यह बात सच है कि चुनाव में वोट का लालच पार्टियों पर इस तरह हावी होता है कि वह लोगों को शराब तक चोरी-छिपे बांटती हैं. यह बात खुद दिल्ली के एक शराब के ठेके को चलाने वाले ने मानी है.

वाइन शॉप पर बैठे रामकुमार से जब ईटीवी भारत ने बात की तो पहले तो उन्होंने इस बात को बखूबी माना कि चुनाव के समय मे शराब की डिमांड बढ़ जाती है.कई बार पीछे से पूरा माल तक आना बंद हो जाता है.उनका कहना है कि हम अपनी शॉप से किसी पार्टियों को शराब नहीं देते हैं.

चुनाव में बढ़ जाती है इन ब्रांड की शराब की डिमांड

चुनाव के समय देखा गया है कि कई लोग दिन में बार-बार आकर शराब ले जाते हैं. ऐसे में उनका कहना है कि दो-दो बोतल इकट्ठी की जाती हैं. उसके बाद लोगों में बांटी जाती होगी. वहीं उन्होंने कहा कि हम काफी मात्रा में एक व्यक्ति को शराब नहीं देते हैं.

रामकुमार से जब हमने यह सवाल किया कि क्या चुनाव के समय में शराब की ब्रांड पर भी ध्यान दिया जाता है? क्या ऐसा है कि चुनाव में अलग-अलग ब्रांड की डिमांड होती है? इस पर उन्होंने बताया कि हां यह बात सही है कि चुनाव में शराब बांटने का काम चोरी छिपे होता है.

आपको बता दें कि शराब की दुकान पर पार्टी स्पेशल नाम की एक व्हिस्की भी आती है. जिसकी डिमांड सबसे ज्यादा चुनाव के दौरान बढ़ जाती है. दरअसल इसके पीछे की बात यह है कि इस व्हिस्की का नाम 'पार्टी स्पेशल' है.

ऐसे में राजनीतिक पार्टियां इस व्हिस्की के नाम को रोचक रूप से जोड़कर बांटती हैं.वहीं यह भी बताया जाता है कि शराब के ब्रांड कार्यकर्ताओं और वोटर्स के स्टेटस को भी ध्यान में रखकर दिए जाते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details