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विधवा महिला बेटियों की शादी में मिलने वाली सहायता से वंचित, कैसे होगी पांचों बेटियों की शादी

दिल्ली में विधवा महिलाओं की बेटियों की शादी में मिलने वाली सहायता राशि हितग्राहियों को नहीं मिल पा रही है. इसके लिये समाजसेवी ने कई बार मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे परेशान होकर अब समाजसेवी हरपाल सिंह कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले हैं.

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Published : Aug 28, 2021, 4:16 PM IST

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विधवा महिला बेटियों की शादी में मिलने वाली सहायता से वंचित

नई दिल्ली: दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में विधवा महिलाओं की बेटियों की शादी के लिए सरकार ने सहायतार्थ राशि का प्रावधान किया हुआ है. दिल्ली में इस प्रावधान के तहत विधवा महिलाएं अपनी बेटियों की शादी के लिए सरकार से सहायता के तौर पर 30 हजार रुपये की आर्थिक मदद के लिए आवेदन कर सकती हैं. जरूरतमंद विधवा महिलाएं बेटी की शादी की तिथि के निर्धारण के 60 दिन पहले और 60 दिन बाद तक आवेदन कर सकती हैं.

दिल्ली सरकार ने मार्च 2021 में इस प्रावधान के तहत ऑनलाइन प्रक्रिया आवेदन भी शुरू कर दिया, लेकिन जिला कार्यालय को इस बारे में मुख्यालय की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई. जिससे गरीब व जरूरतमंद विधवा महिलाएं जिला कार्यालय के चक्कर काट रही हैं, लेकिन अभी तक उन्हें सहायतार्थ राशि नहीं मिली है.

विधवा महिलाएं बेटियों की शादी में मिलने वाली सहायता से वंचित

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ईटीवी से बात करते हुए महिला सुदामी ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी की शादी के लिए इलाके के समाजसेवी के साथ मिलकर ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी की लेकिन अभी तक उन्हें सहायतार्थ राशि नहीं मिली है. जिसके लिए वह जिला कार्यालय के चक्कर काट रही हैं. उनकी पांच बेटियां और एक बेटा है. जिसमें तीन बेटियों की शादी हो चुकी है और दो बेटियों की शादी होनी है. महिला आर्थिक रूप से इतनी संपन्न नहीं है कि वह खुद से उनकी शादी का खर्च उठा सके.

उपराज्यपाल को लिखा गया पत्र

वहीं महिला के बेटे ने बताया कि सरकार से मिलने वाली मदद के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया था, लेकिन प्रक्रिया पूरी होने के बाद सहायतार्थ राशि नहीं मिली. जिला कार्यालय जाने पर पता चला कि इस बारे में उनके पास कोई सूचना मुख्यालय से नहीं आई है. अब बहन की शादी को हुए 6 महीने का समय बीत चुका है लेकिन किसी प्रकार की कोई सरकारी मदद की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही है.

मुख्यमंत्री कार्यालय से पत्राचार

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वहीं RTI एक्टिविस्ट व समाजसेवी हरपाल राणा ने बताया कि दिल्ली सहित देश के अनेक राज्यों में एक लाख रुपये तक न्यूनतम सालाना आमदनी वाले परिवारों की विधवा महिलाओं की बेटियों की शादी के लिए 30 हजार रुपये तक आर्थिक सहायता राशि का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि इस राशि को लेने के लिए उन्होंने अपने इलाके की कई जरूरतमंद विधवा महिलाओं की बेटियों की शादी के दौरान ऑनलाइन आवेदन किया लेकिन मुख्यालय की गलती के कारण इसकी जानकारी जिला कार्यालय को नहीं दी गई, जिससे महिलाएं सरकारी लाभ लेने से वंचित हैं.

जिला कार्यालय का जवाब

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समाजसेवी ने बताया कि जिला कार्यालय में जाने पर पता चलता है कि समय बीत चुका है, ऑनलाइन तो क्या अब ऑफलाइन भी आवेदन नहीं किया जा सकता. जो ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया लोगों की सुविधा के लिए बनाई गई थी, अब लोग उसी के जाल में फंस कर रहे हैं, जिसकी वजह से जरूरतमंद महिलाएं परेशान हैं.

मुख्यमंत्री से पत्राचार

हरपाल सिंह ने बताया कि ऑनलाइन के कारण आने वाली समस्याओं से निजात पाने के लिए जिला कार्यालयों व मुख्यालय से लेकर मुख्यमंत्री तक पत्र लिखे गए लेकिन इस बारे में मुख्यालय द्वारा जिला कार्यालय में बेटियों की शादी संबंधित सहायतार्थ राशि की सूचना नहीं मिलने से महिलाएं इस लाभान्वित योजना से वंचित हैं.

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अब इन सब समस्याओं से परेशान होकर समाजसेवी हरपाल राणा न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाने की मांग कर रहे हैं ताकि जरूरतमंद महिलाओं की बेटियों की शादी के लिए सरकार द्वारा मिलने वाली सहायतार्थ राशि बिना किसी विलंब के समय पर मिल सके.

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