नई दिल्ली: जल मंत्री आतिशी ने बुधवार को वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और रिजर्वायर का निरीक्षण किया. इस दौरान जल मंत्री आतिशी ने अधिकारियों को वजीराबाद रिजर्वायर की डिसिल्टिंग और अमोनिया शोधन के इन-सीटू प्लांट के प्रोजेक्ट में तेजी लाने के निर्देश दिए. इस दौरान आतिशी ने प्लांट की कार्यप्रणाली को समझा और बताया कि डीसिल्टिंग के साथ कई करोड़ लीटर तक वजीराबाद रिजर्वायर की क्षमता बढ़ेगी.
यह यमुना के भीतर ही पानी को संग्रहित करने का जलाशय है, जहां पानी के रोकने के कारण सिल्ट भी इकट्ठा होता है. साथ ही इस साल यमुना में आए अप्रत्याशित बाढ़ के कारण यहां सिल्ट की मात्रा काफी बढ़ गई है. ऐसे में केजरीवाल सरकार इस रिजर्वायर की डिसिल्टिंग करवा रही है. जल मंत्री ने अधिकारियों को डीसिल्टिंग की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए.
सीटू ट्रीटमेंट प्रणाली होगी स्थापित: केजरीवाल सरकार वजीराबाद रिजर्वायर में अमोनिया का सीटू ट्रीटमेंट प्रणाली स्थापित करने की तैयारी में भी है. विजिट के दौरान जल मंत्री आतिशी ने अधिकारियों को इस प्रोजेक्ट की गति को बढ़ाने के निर्देश दिये. यमुना नदी में हरियाणा के 2–3 ड्रेन भी मिलते है. इन ड्रेन के ज़रिए सोनीपत, पानीपत और रोहतक इंडस्ट्रियल एरिया का दूषित पानी सीधे यमुना में मिलता है और जिस कारण कई मौक़ों पर यमुना में अमोनिया का स्तर बढ़ता है.
वर्तमान में रिजर्वायर से वजीराबाद, चन्द्रावल और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी को पंपिंग के जरिए भेजा जाता है, लेकिन अमोनिया का स्तर बढ़ने के दौरान इन प्लांट्स को बंद करना पड़ता है क्योंकि ये प्लांट प्रति लीटर 0.8 मिली ग्राम अमोनिया को ट्रीट कर सकते हैं, लेकिन हरियाणा के औद्योगिक प्रदूषण के कारण पानी में अमोनिया का स्तर कई गुणा बढ़ जाता है और प्लांट इसे ट्रीट नहीं कर पाते हैं. सीटू अमोनिया ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करने के बाद जलाशय में ही 5-6 मिलीग्राम प्रति लीटर तक के अमोनिया युक्त पानी की ट्रीट किया जा सकेगा और प्लांट्स को बंद नहीं करना पड़ेगा.