नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में बीती रात हुई झमाझम बारिश के बाद हालात बद से बदतर हो गए. गलियों और सड़कों पर बारिश का पानी भरा हुआ है. दिल्ली नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के नाले बंद पड़े हुए हैं. जिनकी वजह से बारिश का पानी सड़कों पर भरा हुआ है. हालांकि समय-समय पर दिल्ली नगर निगम और PWD विभाग मानसून की तैयारी को लेकर बड़े-बड़े दावे करता है लेकिन हर बार बारिश के बाद दावे खोखले साबित होते हैं.
उत्तरी पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में बीती रात हुई बारिश का पानी सड़कों पर भरा हुआ है. देखने से लगता है कि यहां पर नाला बह रहा है, आलम ये हो गया कि बारिश का पानी लोगों के घरों में भी भर गया और रात भर लोगों ने अपने घरों से बारिश का पानी निकाला. नाले बंद पड़े हुए हैं. जिसकी वजह से पानी नालों में ना जाकर लोगों के घरों में जा रहा है.
'दोनों विभाग की राजनीति से लोग परेशान'
दिल्ली नगर निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग दोनों ही मानसून की तैयारियों को लेकर हर बार बड़े-बड़े दावे करते हैं. लेकिन हर बार बारिश के बाद ये दावे खोखले साबित हो जाते हैं. जिस तरह से वीडियो में सड़कों पर भरा हुआ पानी दिखाई दे रहा है कि यहां कोई सड़क नहीं नाला है. आपको बता दें कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है और पीडब्ल्यूडी विभाग भी दिल्ली सरकार के अंतर्गत आता है. जबकि निगम में बीजेपी के पार्षद करीब डेढ़ दशक से लगातार जीत कर आ रहे हैं. लेकिन काम करने की जब बात आती है, तो दोनों ही सरकारें एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति करती हैं और काम करने से बचते नजर आते हैं.
'निगम हर बार फंड होने का करती है ढोंग'
जब काम करने की बात आती है तो दिल्ली नगर निगम बार-बार अपने पास फंड ना होने का रोना रोने लगता है. जिसकी वजह से दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों को पिछले कई महीनों से सैलरी भी नहीं मिल रही है और इसका आरोप बीजेपी दिल्ली सरकार पर लगती है. इस मामले पर आम आदमी पार्टी के मुकुंदपुर से निगम पार्षद अजय शर्मा जो स्थाई समिति के मेंबर भी हैं. वो बताते हैं कि दिल्ली नगर निगम क्षेत्र काम न कर हर बार अपने पास फंड ना होने का स्वांग रचती है.
उन्होंने कहा कि करीब 15 दिन पहले जहांगीरपुरी इलाके के खराब पड़े पंप हाउसों का निगम पार्षद ने दौरा किया. उसमें ज्यादातर पंप खराब मिले. जिससे जहांगीरपुरी इलाके में जलभराव की समस्या हर बार बन जाती है. शिकायत करने पर निगम के अधिकारी हर बार इन्हें ठीक कराने की बात करते हैं, लेकिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. क्योंकि जो दावे कागजों में किए जाते हैं वो धरातल पर फेल हो जाते हैं. जरूरत है दिल्ली नगर निगम और पीडब्ल्यूडी विभाग दोनों इलाके में काम करें और काम को लेकर एक दूसरे के ऊपर आरोपों की राजनीति करने से बचे. तभी इलाके का उद्धार हो सकता है.