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BJP चाहती तो सीलिंग रुक जाती, भाजपा गरीब-दलित विरोधी है- उदित राज - naveen nishant

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉ. उदित राज ने बीजेपी पर प्रहार किया और कहा कि मुझसे बेहतर कौन जान सकता है कि पार्टी के अंदर क्या हो रहा है. उदित राज ने आरोप लगाया कि अगर बीजेपी चाहती तो दिल्ली में सीलिंग रुक सकती थी.

BJP चाहती तो सीलिंग रुक जाती, भाजपा गरीब-दलित विरोधी है- उदित राज

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Published : May 4, 2019, 9:39 PM IST

Updated : May 4, 2019, 11:05 PM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता डॉ. उदित राज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर हमला बोला. उदित राज ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाया कि अगर बीजेपी चाहती तो दिल्ली में सीलिंग रुक सकती थी. उन्होंने ये भी कहा कि साल 2005-2006 में जब सीलिंग की कार्रवाई शुरू हुई, तो कांग्रेस की सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए मास्टर प्लान में बदलाव किया जिससे व्यापारियों और दिल्ली के निवासियों को राहत मिली थी.

'पार्टी के अंदर की बात मुझसे बेहतर कौन जान सकता है'

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डॉ. उदित राज ने बीजेपी पर प्रहार किया और कहा कि मुझसे बेहतर कौन जान सकता है कि पार्टी के अंदर क्या हो रहा है. पुलिस और एमसीडी दोनों भारत सरकार के अंग है. एमसीडी, पुलिस और स्थानीय निगम पार्षदों की मिलीभगत से प्रतिष्ठानों को पहले सील किया गया जो सीलिंग के मानकों में नहीं आते थे. ताकि बाद में रिश्वत लेकर उन्हें डीसील किया जा सके.

BJP चाहती तो सीलिंग रुक जाती, भाजपा गरीब-दलित विरोधी है- उदित राज
उदित राज ने आगे कहा कि इस तरह से ना केवल सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी की वजह से सीलिंग हुई. बल्कि स्थानीय स्तर पर पुलिस, एमसीडी और बीजेपी के निगम पार्षदों ने मिलकर भी सीलिंग कराई.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उदित राज ने ये भी कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी तो 70 और 80 के दशक में भूमिहीन और दलितों को 20 सूत्री कार्यक्रम के तहत आवास और कृषि योग्य जमीन आवंटित की गई थी. उस समय अधिकारियों के स्तर पर एक चूक हुई थी कि जिन्हें सीधे ग्राम समाज से आवंटन नहीं हुआ, उनको भूमिधारी का अधिकार नहीं मिला. हालांकि उस पर वो अभी भी काबिज है. इस मसले को संसद में 9 दिसंबर 2014 को उठाया था और 13 जून 2015 को जंतर मंतर पर इस समस्या को लेकर प्रदर्शन भी किया था.

'भूमि का अधिकार देने की अपील'
उदित राज ने सीधे-सीधे बीजेपी को गरीब और दलित विरोध बताया. कहा-21 जुलाई 2017 को उप राज्यपाल से मिलकर भूमि का अधिकार देने की अपील भी की. क्योंकि जमीन के संबंध में उनके पास ही ताकत निहित है. इतने सारे प्रयासों के बावजूद भी केंद्र सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. इसे देखकर कोई भी कह सकता है कि भारतीय जनता पार्टी गरीब और दलित विरोधी है.

Last Updated : May 4, 2019, 11:05 PM IST

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