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फोनपे बिजनेस इंस्टॉल करने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार - Cyber Police of Rohini District

डीसीपी के मुताबिक लगातार पूछताछ में रविंदर ने खुलासा किया कि आरोपी रविंदर और उसका सहयोगी रोहित नेगी PhonePe में काम करते थे. इनका काम क्यूआर कोड लगाने के लिए दुकानदारों से संपर्क करना था. अपने काम के दौरान ये दुकानों और स्टालों पर जाते थे, क्यूआर कोड इंस्टॉल करते थे और उस व्यक्ति के मोबाइल फोन में ऐप भी इंस्टॉल करते थे.

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Published : Apr 2, 2023, 11:07 PM IST

नई दिल्ली: रोहिणी जिले की साइबर पुलिस ने फोनपे के जरिए भोले-भाले लोगों से ठगी करने वाले दो हाई-टेक धोखेबाजों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी दुकानदारों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया करते थे. इस बाबत जानकारी देते हुए रोहिणी जिले के डीसीपी डॉ गुरइकबाल सिंह सिद्धू ने बताया कि रोहिणी सेक्टर 16 निवासी विकास जैन ने साइबर पोर्टल पर फोनपे लगाने के बहाने तीन लाख 14 हजार छह सौ रुपये की धोखाधड़ी के संबंध में शिकायत दर्ज कराई. पीड़ित के मुताबिक उसके साथ फोनपे बिजनेस इंस्टॉल करने के नाम पर धोखाधड़ी की गई.

मामले को सुलझाने के लिए एसीपी ईश्वर सिंह के सुपरविजन में एक पुलिस टीम गठित की गई. जांच के दौरान मनी ट्रेल और टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर खुलासा हुआ कि कथित पैसे को "पेटीएम" के माध्यम से स्थानांतरित किया गया था. उसकी लोकेशन पीतमपुरा गांव की सामने आई. सूचना के आधार पर टीम ने छापेमारी कर एक युवक को धर दबोचा, जिसकी पहचान रविंदर उर्फ ​​रिंकू के रूप में हुई.

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डीसीपी के मुताबिक लगातार पूछताछ में रविंदर ने खुलासा किया कि वह और उसका सहयोगी रोहित नेगी PhonePe में काम करते थे. इनका काम क्यूआर कोड लगाने के लिए दुकानदारों से संपर्क करना था. अपने काम के दौरान ये दुकानों और स्टालों पर जाते थे, क्यूआर कोड इंस्टॉल करते थे और उस व्यक्ति के मोबाइल फोन में ऐप भी इंस्टॉल करते थे. इस प्रक्रिया के दौरान उन्होंने साजिश रची और जल्दी व आसानी से पैसा कमाने का अवसर बनाया.

आरोपी की निशानदेही पर रोहित नेगी दिल्ली के कराला इलाके से दबोच लिया. डीसीपी के मुताबिक आरोपी पीड़ितों के फोन में फोनपे बिजनेस ऐप इंस्टॉल करने के बहाने कथित तौर पर उनका फोन ले लेते थे और चुपके से पेटीएम का पुराना वर्जन इंस्टॉल कर देते थे. आरोपी रविंदर पीटीएम खाते में पीड़ितों के मोबाइल नंबर की जगह अपना फोन नंबर दर्ज कर देता था और 7-8 दिनों के बाद पीड़ित के पेटीएम खाते से पैसे ट्रांसफर कर देता था. डीसीपी के मुताबिक शुरू में वे छोटी-छोटी रकम ट्रांसफर करते थे. जिसके चलते दुकानदारों की नजर उन पर नहीं पड़ी लेकिन उनका लालच बढ़ता ही गया और एक ही झटके में अच्छा पैसा कमाने के चक्कर में फरियादी के 3 लाख रुपये से ज्यादा ट्रांसफर कर दिए औरल पकड़ में आ गए. पुलिस अब इनके खिलाफ आगे की विधिक कार्यवाही में जुट गई है. साथ ही आरोपियों द्वारा ठगे गए अन्य पीड़ितों की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है.

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