नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में देखते-देखते घरों से निकलने वाला कूड़ा कब कूड़े का पहाड़ बन गया, इसका लोगों को जरा भी अंदाजा नहीं है. हालांकि इस कूड़े के ढेर से पहाड़ बनने की कहानी बहुत लंबी है और कई सालों पुरानी है. अब इस कूड़े के पहाड़ के डर के साए में लोग जीने को मजबूर हैं.
बता दें कुछ दिन पहले बरसात के दिनों में कूड़े के पहाड़ का छोटा सा हिस्सा भरभरा कर नीचे गिर गया. जिससे झील के इलाके में रहने वाले लोग इसकी चपेट में आ गए. जिससे करीब एक दर्जन से ज्यादा झुग्गियों में में रहने वाले लोगों को गंभीर चोट भी आई थी. लेकिन इलाके के नेता और सांसदों का इस पर कोई ध्यान नहीं है. ऐसा इलाके के लोग आरोप लगा रहे हैं लोगों को डर है कि कभी कूड़े का यह पहाड़ भरभरा कर गिर गया तो सैकड़ों घरों को अपनी चपेट में ले लेगा और हजारों जिंदगी बर्बाद कर देगा.
खत्ते की वजह से हो रही है गंभीर बीमारियां
ईटीवी भारत की टीम भलस्वा इलाके में पहुंची और कूड़े के पहाड़ के नीचे रह रहे लोगों से उनकी राय जानी तो लोगों की राय सबसे अलग थी. साथ ही लोगों के अंदर एक डर भी बना हुआ है कि कहीं कूड़े का पहाड़ भरभरा कर नीचे गिर गया तो इलाके में रह रहे लोगों का क्या हाल होगा ? सरकार बार बार खत्ते को हटाने के लिए बात तो करती है लेकिन कोई हटवाने के लिए नही आता. कुछ दिन पहले खत्ते का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया जिसमें एक दर्जन से ज्यादा झुग्गियां दब गई और कई लोग भी घायल हुए. खत्ते के ऊपर कूड़े की गाड़ियां चलती है तो कई बार बड़े-बड़े पत्थर भी लुढ़क कर नीचे आते है. जिससे लोगों को डर लगता है कि कहीं पत्थर दीवार तोड़कर घरों में न घुस जाए. यहीं नहीं खत्ते से निकलने वाला विषैला पानी बरसात के दिनों में घरों घुस जाता है, जिससे लोगों को कैंसर, अस्थमा ओर टीबी जैसी गंभीर बीमारियां हो रही है.