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बिना मास्क के चालान राशि 2000 रुपये बहुत ज्यादा है, लोगों को होगी परेशानी

दिल्ली में बिना मास्क चलने वाले लोगों के लिए सरकार ने चालान राशि बढ़ा दी है. इस बारे में स्थानीय लोगों की राय अलग-अलग है. कुछ लोग चालान से बचने के खानापूर्ति ही कर रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली के नरेला इलाके में लोगों के साथ इस बारे में बात की.

The challan amount to 2000 rupees without a mask in Delhi is too much, people will have trouble
लोगों ने चालान राशि बढ़ाने पर अपनी राय दी

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Published : Nov 22, 2020, 8:02 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में बिना मास्क चलने वाले लोगों के लिए सरकार ने चालान राशि 500 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये कर दी है ताकि लोगों में कोरोना संक्रमण (Corona infection) के प्रति भय और बीमारी से बचने के लिए जागरूकता बनी रहे. उसके बावजूद भी लोग बिना मास्क के सड़कों पर चलते हुए दिखाई दे रहे हैं. कुछ लोग चालान से बचने के लिए मुंह पर रूमाल, गमछा, दुपट्टा और मफलर आदि लगाकर सड़कों पर चलते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन मास्क कम ही लोगों के चेहरे पर लगा हुआ है.

लोगों ने चालान राशि बढ़ाने पर अपनी राय दी
बीमारी से बचाव के लिए खुद जागरुक होना पड़ेगा


ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली के नरेला इलाके में लोगों के साथ दिल्ली सरकार द्वारा मास्क ना पहनने पर 500 रुपये से चालान राशि 2000 रुपये करने के बारे में बात की. लोग इस मुद्दे पर दो खेमे में सरकार के साथ और खिलाफ खड़े हुए दिखाई दिए. कुछ लोगों का कहना है कि यह काम बहुत अच्छा किया है तो कुछ लोग कह रहे हैं कि सरकार को लोगों के बारे में सोचना चाहिए था. चालान राशि 500 रुपये से 2000 रुपये बहुत ज्यादा है, चालान राशि 500 रुपये ही रखनी चाहिए थी. लोगों को बीमारी से बचाव के लिए खुद जागरूक होना पड़ेगा, तब जाकर कोरोना संक्रमण (Corona infection) से बचाव हो सकता है.



सिविल डिफेंसकर्मी भी लोगों के साथ ज्यादती करते हैं


सड़क से जा रहे लोगों से बात की तो लोगों का कहना है कि यदि हम बाजार सब्जी लेने के लिए या अन्य काम से जा रहे हैं और हमारे पास 500 रुपये ही हैं और कोई पुलिसकर्मी या सिविल डिफेंसकर्मी बिना मास्क के हमें रोकता है तो हमारे पास चालान भरने के लिए पैसे भी नहीं है, जो कि सरकार ने एकदम से बढ़ा दिए हैं. सरकार को गरीब लोगों की भी सोचनी चाहिए जिनके पास 500 रुपये तो क्या खाने के लिए दो वक्त की रोटी के पैसे भी नहीं है.

सरकार ने जुर्माना राशि बढ़ा दी, लेकिन गरीब लोग इस चुंगल में बुरी तरह से फंस सकते हैं. सिविल डिफेंसकर्मी भी लोगों के साथ ज्यादती करते हैं, यदि कोई व्यक्ति अकेला गाड़ी में जा रहा है और चेहरे पर मास्क नहीं लगा हुआ तो वह उनके साथ बदतमीजी करते हैं. वहीं कुछ लोग इसका खुलकर समर्थन कर रहे हैं सरकार ने लोगों में कोरोना संक्रमण (Corona infection) से बचाव के लिए जुर्माना राशि बढ़ाकर डर पैदा किया है ताकि लोग चालान के दर से चेहरे पर मास्क लगाकर रखेंगे. उन्हें जुर्माना नहीं देना पड़ेगा, लेकिन उसके बावजूद भी जब तक लोग खुद जागरूक नहीं होंगे, सरकार चाहे कितनी बार जुर्माना राशि बढ़ा ले तब तक संक्रमण से बचाव नहीं हो सकता.


बीमारी से बचाव करना है तो लगाना होगा मास्क

यह हालात दिल्ली के ज्यादातर इलाकों के हैं जहां पर लोगों ने चालान राशि बढ़ाने पर अपनी राय दी, लेकिन सड़क से आते-जाते बुजुर्ग, बच्चे, महिलाओं और युवाओं के चेहरे पर मास्क नहीं है. केवल खानापूर्ति के नाम पर गमछा, मफलर, दुपट्टा या रुमाल केवल चालान से बचने के लिए प्रयोग किया जा रहा है. इस तरह की लापरवाही से संक्रमण लोगों के मुंह के रास्ते गले में जा रहा है, यदि सही मायने में बीमारी से बचाव करना है तो लोगों को चेहरे पर मास्क लगाने के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा मानकों का प्रयोग करना होगा. तभी दिल्ली में दोबारा से बढ़ रही कोरोना महामारी (Corona epidemic) से बचाव किया जा सकता है.

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