नई दिल्ली:पहले राजधानी में बेमौसम ओलावृष्टि और फिर लॉकडाउन दोनों से ही किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसी बीच बाहरी दिल्ली के अलीपुर इलाके में यमुना किनारे बसे गांव तिगीपुर में किसान ने 32 बीघा जमीन पर स्ट्रॉबेरी की फसल उगाई हुई है. इसके अलाव भी बाकी की जमीन पर सब्जियां और रबी की खेती की गई है. जोकि बेमौसम ओलावृष्टि, दिल्ली में हुए दंगे और लॉकडाउन के कारण पूरी तरह से खराब हो गई. जिसका अब बाजार में कोई खरीददार नहीं है. किसान सरकार से मदद की गुहार लगा रहा है.
75 एकड़ किराए की जमीन पर खेती
ईटीवी भारत की टीम जब यमुना किनारे खेतों का जायजा लेने पहुंची तो स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसान सतीश चौहान ने बताया कि उन्होंने इस इलाके में 75 एकड़ किराए की जमीन पर खेती की हुई है. जिसमें ज्यादातर हिस्से पर स्ट्रॉबेरी और सब्जियों की खेती की गई है. इसके अलावा करीब एक तिहाई हिस्से पर रबी की कई फसलें उगाई हुई है. सारी जमीन किराए की है, जिसमें केवल डेढ़ एकड़ ही जमीन अपनी है. जमीन का किराया भी लाखों रुपये साल का आता है.
स्ट्राबेरी फसल की बुवाई में है मोटा खर्च
सतीश ने बताया कि इनके पास महीने की तन्ख्वाह पर 20 मजदूर खेती करने लिए रहते हैं. साथ ही खेती की जमीन की उगाही (किराया) भी देनी होती है, फसल उगाने के लिए लाखों रुपए का खर्च होता है. अगर स्ट्रॉबेरी की फसल की बात की जाए तो एक बीघा फसल के लिए अस्सी हजार रुपये प्रति बीघा का खर्च आता है, 32 बीघा यानी कि छह एकड़ के लिए 25 लाख रुपए का खर्च आया है. मंडी बंद होने की वजह से फसल बर्बाद हो गई है, बाजार और मंडियों में कोई खरीददार नहीं है.