नई दिल्ली: दिल्ली के खेड़ा गांव में 2004 में बनाए गए शौचालय की स्थिति बद से बदतर हो गई है. लाखों रुपये की कीमत से बनाया गया येशौचालयएक कूड़ेदान के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.
'स्वच्छ भारत मिशन' की खुली पोल! बाहरी दिल्ली के खेद गांव में बना ये शौचालय आज कूड़ाघर में तब्दील हो गया है.एमसीडी के सफाई कर्मचारियों ने शौचालय के अंदर इतनाकूड़ा डाल दिया है जिसकी वजह से यहां का मेन रास्ताबंद हो गया है और अंदर जाने का अब कोई रास्ता नहीं बचा.
एक तरफ तो भारत सरकार देश को स्वच्छ बनाने के लिए करोड़ों रूपये खर्च कर रही है. वहीं दिल्ली नगर निगम भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगा रही है.
स्वच्छ भारत अभियान फेल!
भारत सरकार ने देश को स्वच्छ बनाने के लिए शौचालय बनाने पर ज्यादा जोर लगा रखा है लेकिन खेद गांव में बने इस शौचालय की स्थिति को देखकरपता चलता है कि, कहीं ना कहीं स्वच्छ भारत अभियान फेल होता नजर आ रहा है. इस कूड़े की वजह से यहां के लोग काफी परेशान है.
दुर्गंध ने किया परेशान
कूड़े के ढेर से उठने वाली दुर्गंध की वजह से लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है और आसपास के बच्चे भी गंदगी के कारण बीमार हो रहे हैं. यहां तक कि इसमें एमसीडी वाले कूड़े में आग भी लगा देते हैं. जिससे गंदा और बदबूदार धुआं उठ जाता है. जिसकी वजह से लोगो का यहां से गुजरना और इसके आसपास रहना मुश्किल हो रहा है.
शौचालय बन गया कूड़ाघर
यदि शौचालय की बात करें तो जिस समय येशौचालय बनाया गया था उसके बाद से ही इसे कूड़ाघर बना दिया गया. आसपास फैक्टरी में काम करने वाले मजदूर दूर खुले में खेतों में शौच के लिए जाते है. जिसकी वजह से इलाके में खुले में शौच करनाएक गंभीर समस्या बन गईहै, और स्थानीय निवासियों में इसके खिलाफ रोष भी है.
निगम पार्षद ने दिया आश्वासन
जब इस बारे में आप पार्टी की मेट्रो विहार वार्ड नम्बर 4 की स्थानीय निगम पार्षद अर्चना देवी से फोन पर बात की गईतो उनका कहना हैकि इस कूड़े को मैं खुद होली के बाद ही साफ करा दूंगी. कूड़ा बहुत ज्यादा है. येकैसे उठ पाएगा. येकूड़ा तो टनों में है लेकिन फिर भी मैं पूरी कोशिश करूंगी की जल्द से जल्द कूड़ा यहां से उठवाया जाए.