नई दिल्ली:हिन्दू धर्म में मनाए जाने वाले विभिन त्योहारों में से एक दीपोत्सव का त्योहार आने वाला है. दीवाली के इस त्योहार को हिन्दू धर्म में महापर्व के रूप में भी मनाया जाता है. अंधकार को समाप्त कर रोशनी से भरे संदेश के इस त्योहार में मिट्टी के दीप जलाने की एक खास मान्यता है. इसको लेकर मिट्टी के दीये बनाने वाले कारीगरों में एक अलग ही उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है. इस त्योहार के मद्देनजर सभी के घरों को रोशन करने के लिए मिट्टी के दीप बनाने का काम अब तेजी पकड़ने लगा है. मिट्टी के दीप बनाने वाले कारीगरों ने अपनी रफ्तार तेज कर दी है.
दिल्ली के कुम्हार कालोनी में कारीगर इस काम में जोर शोर से जुट गए हैं. चाक पर दीये को तैयार करने से लेकर उसे सुखाने और पकाने में और फिर उसके बाद उसकी साज सजावट करने में पूरा परिवार जुटा है. परिवार का कोई सदस्य दीया को आकार देने का काम कर रहा है तो कोई उनको रंग बिरंगी रंगों से उन्हें और आकर्षित बनाने में जुटा हुआ है. पिछले दो सालों बाद कोरोना महामारी के कारण त्योहारों पर मिली छूट के कारण इस बार कारीगर भी इस उम्मीद से जी जान लगाकर जुटे हुए हैं कि इस दीवाली पर उनके घरों में भी खुशियां आएंगी.
इसके अलावा पिछले लंबे समय से लगातार स्वदेशी आइटम को बढ़ावा मिलने से इस बार कारीगरों को भी अच्छी बिक्री की उम्मीद है. साथ ही कारीगरों ने दिल्लीवासियों से ज्यादा से ज्यादा मिट्टी के दीप खरीदने की अपील की, ताकि ना केवल इन कारीगरों को प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि देश का पैसा देश की तरक्की के काम आएगा.