नई दिल्ली:दिल्ली की बादली और बुराड़ी विधानसभा के अंतर्गत आने वाली झीमर गांव और कॉलोनी के लोग सालों से नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. इनका आरोप है कि दोनों विधानसभाओं में नेताओं और पार्षदों ने वादों की झड़ी लगा रखी है, लेकिन काम कराने के नाम पर सालों से इलाके में काम नहीं है.
लोगों का कहना है कि क्षेत्र में सालों से समस्या का अंबार है, समाधान के लिए जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई जा रही है. हालात यह है कि कोई भी प्रतिनिधि जनता की आवाज सुनने को तैयार नहीं है. निगम प्रत्याशी वोट दोनो ही इलाके में मांगने के लिए द्वार पर आ रहे हैं. इस बार लोगों का मन है कि जो प्रतिनिधि काम करेगा उसी को वोट मिलेंगे, नहीं तो नोटा का बटन दबाकर नेताओं का बहिष्कार करेंगे. (People of Jhimarpur village will press NOTA button)
झीमर गांव और कॉलोनी की बात की जाए तो यह बुराड़ी और बादली विधानसभा के अंतर्गत आता है. बादली विधानसभा से आम आदमी पार्टी के विधायक अजेश यादव और बुराड़ी से संजीव झा है. झीमर कॉलोनी का हिस्सा मुकुंदपुर वार्ड नंबर 8 में आता है, जहां से आम आदमी पार्टी के ही पार्षद अजय शर्मा रहे हैं. वहीं भलस्वा वार्ड में गांव का हिस्सा आता है जहां से भाजपा के पार्षद विजय भगत थे. लेकिन किसी भी निगम पार्षद ओर विधायक ने इलाके में लोगों की समस्या पर समाधान नहीं दिया. लोगों की शिकायत है कि बचपन बीत गया, बुढ़ापे के दौर में पहुंच गए, लेकिन हालात सुधारने के बजाय लगातार खराब हो गए, जिसके जिम्म्मेदार इलाके के नेता है. इलाके में पीने के पानी से लेकर बरसात के पानी की निकासी का समाधान नहीं है.
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बाहरी रिंग रोड से सटा दिल्ली का अकेला गांव है, जहां पर सरकारी यातायात नहीं है. लोगों को करीब 2 से 3 किलोमीटर तक रोज पैदल चलना पड़ता है. कॉलोनी और गांव के मुहाने पर कूड़ा घर बना दिया गया है, जिससे गंदी बदबू आती है. दिल्ली नगर निगम ने स्कूल का ढांचा तैयार कराकर छोड़ दिया, लेकिन अभी तक उसे शुरू नहीं कराया जा सका है.