नई दिल्ली: दिल्ली की भलस्वा झील विभागों की अनदेखी के कारण बदहाली के कगार पर है. इलाके के लोग डेयरी से निकलने वाला गोबर और घरों से निकलने वाला कूड़ा भी झील में डाल रहे हैं. इसके साथ ही लोग पूजा अर्चना में प्रयोग की जाने वाली अपशिष्ट सामग्री भी झील डालकर झील को गंदा कर रहे हैं. झील में लगातार बढ़ती गंदगी की वजह से जल प्रदूषण होने के कारण पानी में रहने वाली छोटी-छोटी मछलियां भी मर रही हैं और पर्यटकों का आना भी बंद हो गया है. झील में नौकायन के लिए खिलाड़ी भी तैयारी करने आते थे, वह भी गंदगी की वजह से नहीं आ रहे हैं. वहीं झील के पानी से लोगों को शरीर में खुजली जैसी शिकायतें भी आ रही हैं.
इस मुद्दे को लेकर ईटीवी भारत की टीम से स्थानीय विधायक अजेश यादव ने बात की. विधायक का कहना है कि झील की सफाई को लेकर दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से भी मीटिंग की गई और अब झील की सफाई में टूरिज्म बढ़ाने को लेकर झील पर काम किया जा रहा है. यह झील डीडीए विभाग के अंतर्गत आती है और पर्यटन विभाग भी झील पर पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है. जिस तरह से जेल में गंदगी का अंबार लगा हुआ है, हालात देखकर नहीं लगता कि जल्दी झील जल्द साफ हो पाएगी क्योंकि गांव के लोग ही झील में गंदगी कर रहे हैं.
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झील के मुख्य द्वार पर ही गंदगी का अंबार लगा हुआ है. जिसके कारण बारिश का पानी रुक गया है और निकासी का कोई रास्ता नहीं है. झील में काम करने वाले कर्मचारी भी इसी गंदगी के बीच से निकलकर जाते हैं. पर्यटन विभाग व डीडीए विभाग दोनों झील की इस दुर्दशा के लिए जिम्मेदार हैं. स्थानीय विधायक ने बताया कि इस बारे में अधिकारियों से मुलाकात भी की गई, साथ ही पत्र व्यवहार भी किया गया लेकिन झील की सफाई पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसका जिम्मा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उठाया है.