नई दिल्ली: राजधानी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अब कुछ ही महीनों का समय बचा है. सभी पार्टियां विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं. दिल्ली की तीनों बड़ी पार्टियां 'आप', बीजेपी, कांग्रेस 2020 में होने वाले चुनाव में जीत के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही हैं.
कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने आप पर साधा निशाना
तिमारपुर विधानसभा में एक कार्यक्रम के दैरान कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने बताया की आगामी विधानसभा चुनाव में इस बार 'आप' कहीं भी रेस में नजर नहीं आ रही है. इस बार केवल कांग्रेस और भाजपा में चुनावी टक्कर होगी.
'आप' का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है
साथ ही उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी खोई हुई जमीन तलाशी ली है. लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है जबकि आम आदमी पार्टी का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है. जिस तरह से आम आदमी पार्टी के नेताओं की लोकसभा चुनाव में जमानत जब्त हुई है.
उसे देखकर लगता है कि विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी का हाल बुरा ही होगा. दिल्ली में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दो सीट छोड़कर सभी में दूसरा स्थान प्राप्त किया और आम आदमी पार्टी अपनी जमानत बचाने में भी नाकामयाब रही.
हाईकमान तय करेंगी विधानसभा चुनाव का नेतृत्वकर्ता
जब इस बारे में नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी से पूछा गया कि दिल्ली में होने वाले इस बार का विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में होंगा. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि चेहरे की तलाश पार्टी हाईकमान करेंगी. इसके लिए कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दमदार चेहरा तलाश रही हैं. लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी हठ के कारण दिल्ली के लोगों और खुद को नुकसान पहुंचा रहे हैं. केजरीवाल ने भारी-भरकम वादे दिल्ली की जनता से कर दिए लेकिन जनता के सामने केजरीवाल उन वादों को भूनाने में नाकामयाब रहे. दिल्ली की जनता को पानी माफ और बिजली हाफ और अन्य झूठे वादे करने वाले केजरीवाल खुद अपने ही जाल में फंस गए हैं.
अपनी ही गलतियों की वजह से आम आदमी पार्टी रेस से बाहर
इस बार विधानसभा चुनाव में केवल और केवल बीजेपी और कांग्रेस की टक्कर होगी जबकि आम आदमी पार्टी तो रेस में नजर ही नहीं आ रही है. 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में सबसे ज्यादा सीट हासिल की थी लेकिन इस बार अपनी ही गलतियों की वजह से आम आदमी पार्टी रेस से बाहर हो गई है.