नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने शुक्रवार को दूसरी बार कुतुबगढ़ गांव का दौरा किया. इस मौके पर उन्होंने गांव को मॉडल गांव के रूप में स्थापित करने की अपनी प्रतिबद्धता को एक बार फिर दोहराया. इस मौके पर एलजी ने गांव के किसानों को 2000 अमरूद और अंगूर के पौधे (सैपलिंग) लगाने के लिए सौंपे. डीडीए कुतुबगढ़ में दो जलाशय (वाटर बॉडी) और 4 नए पार्क विकसित करेगा.
ग्रामीणों को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में दिल्ली में राजस्थान और पड़ोसी राज्यों से अमरूद आते हैं, लेकिन ग्रामीणों की भागीदारी से दिल्ली ही अमरूद का उत्पादक राज्य बन सकती है. इसी तरह दिल्ली में अंगूर के पौधे लगाने से यहां के वनस्पति जगत में भी विविधता आएगी. कहा कि अमरूद और अंगूर की स्थानीय खेती से किसानों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है. इससे दिल्ली के अन्य गांवों को भी प्रोत्साहन मिलेगा. किसानों को अंगूर की खेती वैज्ञानिक तरीके से करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र में प्रशिक्षण दिया जाएगा.
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वन विभाग के कर्मचारियों ने स्थानीय स्तर पर जैकरांडा, गुलमोहर, गुड़हल, अमरूद सहित कई तरह के फल और फूल देने वाले करीब 600 पौधे लगाए हैं. इसके अलावा सिटी फॉरेस्ट में विकास के कई काम किए गए हैं. करीब एक किलोमीटर का वॉकिंग ट्रैक बनाया गया है. उपराज्यपाल ने गांव में एक निजी प्लांटेशन साइट (वृक्षारोपण स्थल) का भी दौरा किया जहां ग्रामीणों ने स्वयं अमरूद के पौधे लगाए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि लोगों ने अमरूद की खेती के लिए 6.5 बीघा जमीन चिह्नित कर ली है. इसके अलावा ऐसी ही और जमीन की खोज की जा रही है.
गांव के दौरे के क्रम में उपराज्यपाल ने एमसीडी की डिस्पेंसरी का भी निरीक्षण किया और अधिकारियों को इसे पॉली क्लिनिक में अपग्रेड करने और इसे जल्द से जल्द शुरू करने का निर्देश दिया. ग्रामीणों ने उपराज्यपाल से गांव में महिलाओं के लिए कुश्ती की सुविधा उपलब्ध कराने का आग्रह किया. ग्रामीणों के अनुरोध पर उपराज्यपाल ने तत्काल डीडीए को उचित सुविधाओं से युक्त जगह की पहचान करने को कहा. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह काम जितनी जल्दी संभव हो सके, उतनी जल्दी इसे पूरा किया जाए.
उपराज्यपाल ने मुंगेशपुर नाले वाले साइट का भी दौरा किया जहां सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग नाले के सौंदर्यीकरण और गाद निकालने का काम कर रहा है. उपराज्यपाल ने गांव में 2 तालाबों (जल इकाई) और 4 पार्को को विकसित करने का निर्देश डीडीए को दिया है. उन्होंने गांव में मौजूदा तालाबों के रखरखाव के लिए भी आवश्यक काम करने के निर्देश डीडीए को दिए.
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