दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

नवरात्रि विशेष: जानिए काली माता मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें, यहां स्वयं विराजमान हैं काली कलकत्ते वाली - काली माता के दर्शन से मनोकामनाएं होती हैं पूरी

शारदीय नवरात्रि 2022 (Sharadiya Navratri 2022) चल रहा है. इस दौरान प्रत्येक माता मंदिरों में श्रद्धालु मां के दर्शन पूजन के लिए जाते हैं. ऐसे में ईटीवी भारत अपने पठकों के लिए नवरात्रि विशेष लेकर आया है. आज इस कड़ी में हम दिल्ली की रोहिणी स्थित काली माता मंदिर के दर्शन करवाएंगे. तो चलिए जानते हैं कि क्या है मंदिर की मान्यता.

KALI MATA MANDIR IN ROHINI
काली माता मंदिर में विराजमान है काली कलकत्ते वाली

By

Published : Sep 30, 2022, 6:00 AM IST

नई दिल्ली:शारदीय नवरात्रि 2022 (Sharadiya Navratri 2022) का आज 5वां दिन है. आज मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. नलकाच्कि के इस विशेष मौके पर दिल्ली के रोहिणी स्थित काली माता मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उनके दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि यहां माता की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं यहां माता के दर्शन करने मात्र से लोगों के दुख दूर हो जाते हैं. बताते चलें कि दशकों पुराने इस मंदिर में स्वयं कलकत्ते वाली काली विराजमान हैं. उनके आशीर्वाद से भक्तों के सभी संकट दूर हो जाते हैं.

नवरात्रि के पावन पर्व पर देशभर में भक्ति का माहौल देखने को मिलता है. मंदिरों में भक्तजन अपनी श्रद्धा के अनुसार पूजा-अर्चना कर माता की उपासना करते हैं. वैसे तो दिल्ली के तमाम मंदिरों में नवरात्रि के पर्व पर भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन इसके विपरित कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जहां नवरात्रि के अलावा भी अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए पूजा-अर्चना करते हैं. इन्हीं में से एक है दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 3 स्थित काली माता मंदिर. इस मंदिर में दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से ही नहीं, बल्कि दिल्ली के बाहर से भी लोग अपनी मान्यता के मुताबिक दर्शन करने आते हैं.

काली माता मंदिर में विराजमान है काली कलकत्ते वाली

ये भी पढ़ें: नवरात्रि विशेष : जानें आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर छतरपुर का इतिहास, कैसे हुई स्थापना...

काली माता मंदिर के प्रधान सूरज पहलवान की मानें तो मंदिर करीब 6 दशक पुराना मंदिर है. जिसकी गिनती प्रमुख प्राचीन मंदिरों में होती है. इस मंदिर में सभी श्रद्धालु अपनी-अपनी मनोकामना लेकर आते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में माता के चरणों में जो भी भक्त हाजिरी लगता है और पूरी आस्था के साथ यहां पूजा करता है उसका उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस मंदिर में काली माता का आशीर्वाद स्वरूप स्वयं काली कलकत्ते वाली विराजमान हैं. इसके अलावा यहां पर काली माता के अलावा श्रीराम, हनुमान, साई नाथ, शनि देव सरीखे कई देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित की गई. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस प्राचीन मंदिर की विशेष मान्यता यही है कि यहां हाजिरी लगाने मात्र से भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं.

ये भी पढ़ें: नवरात्रि विशेष : गाजियाबाद का गुफा वाला मंदिर दिलाता है वैष्णो देवी की याद, नि:संतान दंपतियों की होती है मनोकामना पूरी

उल्लेखनीय है कि यह काली माता मंदिर बाहरी रिंग रोड स्थित रोहिणी सेक्टर 3 में स्थापित है. यहां भक्तों की सुविधा के मद्देनजर प्रवेश द्वार से लेकर उनकी सुरक्षा के मद्देनजर भी तमाम इंतजाम किए गए हैं, ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा महसूस ना हो. साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर परिसर में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details