नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस, दिल्ली जल बोर्ड, फायर ब्रिगेड और बिजली कंपनियों को निर्देश दिया है कि वो दिल्ली में चल रहे सभी कोचिंग संस्थानों का निरीक्षण करें और किसी भी कानून के उल्लंघन पाए जाने पर उन्हें सील करें.
याचिका पर हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस
दिल्ली के कोचिंग संस्थानों को आग से बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग करने वाली एक याचिका दायर की गई है. याचिका पर सुनवाई करते हुए पिछले 30 मई को हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और फायर डिपार्टमेंट को नोटिस जारी किया था.
याचिका में सूरत अग्निकांड का जिक्र
याचिका एक वकील मधुमिता कोठारी ने दायर की है. याचिका में सूरत अग्निकांड का जिक्र किया गया है. जिसमें 22 छात्रों की मौत हो गई थी. याचिका में कहा गया है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को ज्यादा जिम्मेदार और सजग रहना होगा.
'आपातकालीन स्थितियों के लिए नहीं तैयार कोचिंग संस्थान'
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली में चलने वाले कई कोचिंग संस्थानों में आग से सुरक्षा के उपकरण भी नहीं लगाए गए हैं. कोचिंग संस्थानों में बाहर निकलने के रास्तों के लिए कोई निशान नहीं बनाए गए हैं. आग लगने या भूकंप जैसी आपातकालीन स्थिति में कोचिंग संस्थानों से बाहर निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं बताया गया है.
'कोचिंग संस्थानों को रेगुलेट करने के लिए कानून'
याचिका में कहा गया है कि सूरत अग्निकांड में अधिकतर छात्रों की मौत दम घुटने या ऊपर से कूदने से मौत हो गई थी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उस भवन से बाहर जाने के सारे रास्ते बंद हो गए थे.
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार को कुकुरमुत्तों की तरह पैदा हो गए कोचिंग संस्थानों को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाना चाहिए. आखिर इन कोचिंग संस्थानों को अनुमति कैसे मिल गई.