नई दिल्लीः बादली विधानसभा के जहांगीरपुरी वार्ड के 'जे ब्लॉक' में लोगों के घरों के सामने बना कूड़ा घर लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. इस कूड़े घर में निगम की गाड़ियां आसपास के इलाके का कूड़ा लाकर डालती है. पूरी सड़क पर कूड़े का ढेर कई कई दिनों तक लगा रहता है, जिसमें से गंदी बदबू आती है. कूड़े के ढेर पर आवारा गायों का जमावड़ा लगा रहता है, जिससे हादसे भी होते हैं लेकिन उत्तरी दिल्ली नगर निगम जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है.
कूड़ा घर बना परेशानी का सबब 'नेताओं की राजनीति से जनता परेशान'
इलाके के लोगों का कहना है कि दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार के बीच काम को लेकर हो रही राजनीति की वजह से जनता परेशान है. बादली विधानसभा में आप पार्टी के विधायक अजेश यादव हैं, जो दूसरी बार जीतकर आए हैं. जबकि निगम पार्षद भाजपा से सुरेंदर खर्ब हैं. वह भी दूसरी बार निगम पार्षद चुनकर आए हैं और सिविल लाइन जोन के चैयरमेन भी दोबारा से चुने गए हैं.
'झूठे वादों को नहीं, काम को देंगे वोट'
स्थानीय निगम पार्षद और जोन चैयरमेन सुरेंदर खर्ब अपने वार्ड में ढेरों काम करवाने का दावा करते हैं, लेकिन इलाके के लोग उनके काम को लेकर खुश नहीं हैं. लोगों का कहाना है कि इस बार किसी पार्टी विशेष को वोट न देकर काम करने वाले व्यक्ति को वोट दिया जाएगा. लोगों का कहना है कि कई बार पार्षद ओर अधिकारियों से भी शिकायत की गई, लेकिन कोई भी सुनने को तैयार नहीं हैं. नेता इलाके में चुनाव के समय दिखाई देते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद इलाके में दौरा करने के लिए बड़ी-बड़ी गाड़ियों में आते हैं लेकिन इलाके की समस्या दिखाई नहीं देती.
'चुनाव में जनता सिखाएगी सबक'
जहांगीरपुरी वार्ड की जनता ने एक बार दोबारा से सुरेंदर खर्ब के नाम और वादों पर भरोसा करते हुए भारी बहुमत इसे जितवाया था. लेकिन जीतने के बाद न तो जनता को उनकी बातों में भरोसा दिखाई दिया और न ही काम करने की ललक. जहांगीरपुरी की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है और आगामी निगम चुनाव में सबक सिखाने की बात कर रही है.
'लोकतंत्र की ताकत जनता के हाथ'
जनता नेताओं और अपनी समस्याओं का समाधान करने के लिए चुनाव में वोट देती है न कि चुनाव जीतने के बाद उनकी समस्यों से मुंह मोड़ने के लिए. जनता अपने वोट की ताकत से किसी को भी जीता सकती है और उसी वोट से हरा भी सकती है. इसलिए नेता जनता की समस्याओं पर ध्यान दें, क्योंकि भारत में लोकतंत्र की ताकत जनता के हाथ में है.