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नरेला: जूता-चप्पल फैक्ट्री में लगी भीषण आग, लाखों का सामान जलकर खाक

बाहरी दिल्ली के नरेला इलाके में जूते-चप्पल बनाने की फैक्ट्री में भीषण आग लग गई. आग इतनी भीषण थी कि आग ने तीन मंजिला इमारत को अपनी चपेट में ले लिया. आग में फैक्ट्री में रखा लाखों का सामान जलकर खाक हो गया. मौके पर मौजूद 25 फायर टेंडर ने आग पर काबू पा लिया, लेकिन कूलिंग का काम अभी जारी है.

fierce fire in Shoe slippers factory
फैक्ट्री में लगी भीषण आग

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Published : Sep 26, 2020, 10:11 AM IST

नई दिल्ली: बाहरी दिल्ली के नरेला इंडस्ट्रियल एरिया की जूता फैक्ट्री में देर रात भयंकर आग लग गई. मौके पर पहुंची करीब 25 दमकल की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया. भयानक आग में फैक्ट्री का लाखों का सामाना जलकर पूरी तरह खाक हो गया. हालांकि फैक्ट्री बंद होने के कारण कोई हताहत नहीं हुआ.

फैक्ट्री में लगी भीषण आग

दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंची

आग इतनी भयानक थी कि उसका धूआं दूर से भी दिखाई दे रहा था. फैक्ट्री में लगी आग से इलाके में हड़कंप मच गया. देखते-देखते फैक्ट्री के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई. आसपास के लोगों ने दमकल विभाग को इस घटना की सूचना दी. एक-एक करके दमकल की करीब 25 गाड़ियां मौके पर पहुंची और कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन अभी भी कूलिंग का काम लगातार जारी है.



लाखों का सामान जलकर राख

गनीमत रही कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई, क्योंकि घटना रात की थी. इसलिए फैक्ट्री के अंदर कोई भी मौजूद नहीं था. जिससे किसी की जान का नुकसान नहीं हुआ. हालांकि फैक्ट्री में रखा हुआ लाखों का सामान जलकर खाक हो गया.

कूलिंग का काम लगातार जारी

आग पर काबू पाया जा चुका है, लेकिन अभी भी कूलिंग का काम जारी है क्योंकि जूता चप्पल बनाने की फैक्ट्री में प्लास्टिक और रबड़ का सामान भारी मात्रा में था. इसी के चलते दमकल अधिकारी किसी भी तरीके की लापरवाही नहीं बरतना चाहते और पूरी तरीके कूलिंग होने के बाद ही कॉल को समाप्त किया जाएगा.

फिलहाल आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है. कूलिंग समाप्त होने के बाद ही पुलिस जांच करेगी. हालांकि नरेला इंडस्ट्रियल एरिया में कई ऐसी फैक्ट्रियां हैं जो कि बिना फायर की एनओसी के चलाई जा रही है. इन पर समय रहते कार्रवाई नहीं की जाती. जिसके चलते एक बड़ा हादसा होता है और कई बार तो लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा है. जरूरत है कि ऐसी नियमों को ताक पर रखकर चलाई जा रही फैक्ट्रियों पर समय रहते कार्रवाई की जाए.

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