नई दिल्ली:आदर्श नगर विधानसभा के केवल पार्क स्थित दिल्ली नगर निगम का स्कूल हादसों को दावत दे रहा है. स्थिति यह है कि किसी को भी अंदेशा नही है कि जर्जर इमारत कब गिर जाए और बड़ा हादसा हो जाए. इस जर्जर स्कूल में पढ़ने के लिए 800 छात्र-छात्राएं आते हैं. इसके अलावा यहां स्कूल प्रशासन के 17 लोग काम करते हैं. सभी डर के साए में पढ़ने और पढ़ाने को मजबूर हैं.
स्कूल के चारों ओर बोर्ड लगे हैं की बिल्डिंग से दूर रहें, छज्जे कभी भी गिर सकते हैं. ऐसे में यहां बच्चों की पढ़ाई करवाना लापरवाही का ही नतीजा है. साफ तौर पर निगम बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है. इस इमारत को करीब 30 साल पहले बनाया गया था. कहने को तो यह इमारत तीन मंजिला है, लेकिन इसके ऊपरी मंजिल की हालत तो बहुत ही खराब है.
छत जर्जर होकर गिरने के कगार पर है. बड़े-बड़े सीमेंट के टुकड़े फर्श पर पड़े हुए हैं. जिन दो मंजिल को सुरक्षित बताया जा रहा है वहां की हालत भी खराब है. इन्हीं दो मंजिल में शिक्षक और छात्र बैठकर पढ़ने और पढ़ाने को मजबूर हैं. जहां हर वक्त हादसे का डर लगा रहता है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दो दिन पहले स्कूल का दौरा किया था. उन्होंने स्कूल बिल्डिंग की जर्जर स्थिति को देखते हुए निगम पर उठाए सवाल थे.
इससे पहले स्कूल प्रशासन ने निगम के उच्च अधिकारियों और स्थानीय पार्षद से लेकर मेयर तक को स्कूल की स्थिति से अवगत कराया. कई बार लिखित आवेदन भी दिया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आए. स्थानीय निवासी रविशंकर ने बताया कि यह स्कूल काफी पुराना है. बिल्डिंग जर्जर अवस्था में है. बावजूद इसके निगम अपनी आंखें स्कूल की ओर से मूंदकर बैठा है.