नई दिल्लीः दिल्ली मेट्रो रेल का परिचालन करीब 20 साल से हाे रहा है, लेकिन दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने अपने यात्रियाें काे उपभोक्ता की श्रेणी में शामिल नहीं किया था. अब दिल्ली मेट्रो ने यात्रियों को उपभोक्ता मान लिया है. अधिनियम 1986 की धारा 2(D) और 2019 के तहत दिल्ली मेट्रो को उपभोक्ता श्रेणी के दायरे में लाया गया है. मेट्रो में यात्रा करने वाले लाेग किसी प्रकार के नुकसान व अधिकार से वंचित होने की स्थिति में उपभोक्ता फोरम में मामले काे ले जा सकते हैं.
RTI एक्टिविस्ट और समाजसेवी (RTI activist and socialist) हरपाल राणा लंबे समय से सरकार और विभाग से दिल्ली मेट्रो रेल सेवा को उपभोक्ता श्रेणी में शामिल करने के लिए लड़ाई लड़ रहे थे. ईटीवी भारत (ETV India) से बात करते हुए RTI एक्टिविस्ट (RTI activist ) हरपाल राणा ने बताया कि वह साल 2010 से दिल्ली मेट्रो को उपभोक्ता श्रेणी में लाने के लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत मांग कर रहे थे. उन्हाेंने बताया कि मुम्बई, काेलकाता, लखनऊ आदि शहरों में मेट्रो रेल सेवा बाकी परिवहन सेवाओं की तरह उपभोक्ता श्रेणी में आती है, लेकिन दिल्ली मेट्रो रेल सेवा को इस कैटेगरी से बाहर रखा गया था. हरपाल राणा ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने के लिए ईटीवी भारत का भी धन्यवाद किया है.
RTI एक्टिविस्ट (RTI activist ) हरपाल राणा ने बताया कि उन्होंने मेट्रो को उपभोक्ता श्रेणी के अंतर्गत लाने के लिए कई पत्र लिखे. हर बार दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (Delhi Metro Rail Corporation) का बदल-बदलकर जवाब आया. 2015 में कहा गया कि मेट्रो सेवा उपभोक्ता श्रेणी में नहीं आती, लेकिन उसके बाद एक पत्र के जवाब में कहा गया कि उपभोक्ता श्रेणी के अंतर्गत दिल्ली मेट्रो आती है. कई बार इसी तरह के गोलमोल जवाब देकर मामले को टालने की कोशिश की गई. हरपाल राणा ने बताया कि उपभोक्ता श्रेणी के तहत दिल्ली मेट्रो को लाने के लिए उन्हें लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी. कानूनी प्रक्रिया का भी सहारा लेना पड़ा. उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर मेट्रो विभाग को पत्र लिखे.
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