नई दिल्ली: सरकार देश और राज्य के विकास के लिए मास्टर प्लान के नाम पर एक रूपरेखा तैयार करती है. यह मास्टर प्लान हर 20 साल के लिए तैयार किया जाता है, लेकिन अभी 2001 और 2021 का मास्टर प्लान पूरी तरह से लागू नहीं हो पाया है और डीडीए व केंद्र सरकार के नेता ओर संबंधित विभाग के अधिकारी 2041 के मास्टर प्लान पर काम कर रहे हैं. मास्टर प्लान पर काम करने वाले नेता और अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए दिल्ली मास्टर प्लान कमेटी(DDVM) अध्यक्ष भूपेंद्र बजाड़ ने कहा कि सरकार मास्टर प्लान बनाने पर तो जोर दे रही है, कहीं न कहीं अधिकारियों और नेताओं की इच्छाशक्ति की कमी की वजह से मास्टर प्लान पर अमलीजामा नहीं पहनाया जा रहा है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए दिल्ली मास्टर प्लान कमेटी (DDVM) अध्यक्ष भूपेंद्र बजाड़ ने कहा कि अधिकारियों को आगे बढ़ श्रेय लेना होगा और पूरी इच्छाशक्ति के साथ काम करना होगा तभी किसी निर्णय पर पहुंचा जा सकता है. सरकार चाहे कितने भी सालों का मास्टर प्लान बना ले, जब तक अधिकारियों और नेताओं की इच्छा शक्ति नहीं होगी, तब तक मास्टर प्लान पूरी तरह से नहीं बन पाएगा. जरूरत है कि मास्टर प्लान पर काम कर रहे अधिकारियों के भी तबादले में स्थिरता होने चाहिए, तभी ढंग से काम हो सकेगा नहीं तो जल्दी स्थानांतरण की नीति के तहत अधिकारी मास्टर प्लान को समझने में रह जाते हैं और उस पर काम नहीं कर सकेंगे. जब तक वह पॉलिसी को समझते हैं, तब तक तबादला हो चुका होता है और दूसरा अधिकारी फिर उस मास्टर प्लान को नए सिरे से समझने की कोशिश करता है ओर तब तक उसके भी ट्रांसफर का नंबर आ जाता है.
दिल्ली मास्टर प्लान 2041 पर दिल्ली मास्टर प्लान कमेटी अध्यक्ष भूपेंद्र बजाड़ दिल्ली मास्टर प्लान कमेटी(DDVM) अध्यक्ष भूपेंद्र बजाड़ का कहना है कि सरकार दिल्ली के शहरी इलाकों के साथ-साथ दिल्ली देहात के विकास के लिए भी नीति बनाए, तभी देहात के इलाकों का विकास होगा. पहले सरकार ने अपनी पॉलिसी में देहात के इलाकों को रखा था लेकिन किसी वजह से दिल्ली देहात के इलाको को बाहर कर दिया गया, जिसकी वजह से देहात के इलाकों में काम नहीं हो पा रहा है. अधिकारियों को चाहिए कि पूरी दिल्ली को साथ लेकर विकास कार्य के लिए मास्टर प्लान पर जोर देना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने भी 100 साल का मास्टर प्लान लुटियन जोन के लिए तैयार किया था और आज भी वहां पर दोबारा मास्टर प्लान बनाने की जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन सरकार अब 20 साल का मास्टर प्लान लेकर चलती है, यदि इच्छा शक्ति और नियत के साथ काम किया जाए तो पॉलिसी जल्द लागू होगी और विकास कार्य भी होते हुए दिखाई देंगे, नहीं तो सरकार कितने भी लंबे समय का मास्टर प्लान बना ले, बिना इच्छाशक्ति के विकास कार्यों पर काम नहीं किया जा सकता.
बजाड़ ने कहा कि सरकार अपने देश ओर राज्य के विकास के लिए मास्टर प्लान का खाका तैयार करती है, ताकि नागरिकों को सभी सुविधाएं मिलें ओर उन्हें बाहर न जाना पड़े. इसके लिए अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए जाने चाहिए कि तय समय पर मास्टर प्लान के लिए काम किया जाए और अधिकारी अपने निचले स्तर के कर्मचारियों को भी आदेश दें, ताकि सभी एकजुट होकर मास्टर प्लान पर काम कर नेताओं से भी राय लें. तभी एक अच्छा और बढ़िया मास्टर प्लान तैयार किया जा सकता है.