नई दिल्ली:उत्तरी दिल्ली स्थितरोशनारा क्रिकेट क्लब को डीडीए ने 29 सितंबर को सील कर दिया था. क्लब को खुलवाने को लेकर पदाधिकारी द्वारा कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष डीडीए ने कहा कि रोशनारा क्लब को अगले सफ्ताह तक खोला जाएगा. क्लब का स्वामित्व केवल भूमि मालिक एजेंसी के पास होगा. डीडीए ने न्यायालय के समक्ष यह जानकारी दी है.
वहीं, रोशनारा क्लब खुलवाने को लेकर क्लब की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील संदीप सेठी और मोहित माथुर ने कहा कि क्लब से जुड़ा मामला उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष भी लंबित है. उन्होंने तर्क दिया था कि क्लब की बेदखली लागू कर दी गई है, जबकि लीज के नवीनीकरण का सवाल अभी लटका है. डीडीए की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि क्लब के सदस्य बने रहेंगे. डीडीए की संपत्ति पर अपने स्वामित्व का प्रयोग करने का अधिकार होगा.
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने न्यायालय के समक्ष जवाब दिया कि क्लब तो बना रहेगा और इसका अधिकार डीडीए के पास वापस आ गया है. क्लब के लीज़ खत्म होने पर सभी के लिए पोर्टल खोलेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले में अवमानना का मामला नहीं बनता है. यह अवमानना याचिका डीडीए को दबाने के लिए दायर की गई है. वहीं, डीडीए की स्थायी वकील मनिका त्रिपाठी ने कहा कि अब डीडीए एक सप्ताह के भीतर बीसीसीआई मैदान, क्रिकेट मैदान और अन्य मैदान सहित बहारी सुविधाओं को खोलने पर विचार कर रहा है, जिन्हें जल्द खोला जाएगा.
त्रिपाठी ने कहा कि क्लब के मैनेजमेंट डीडीए के पास ही रहेगा, क्योंकि अब क्लब का स्वामित्व अधिकार उनके पास है. इसलिए हम बाग और अन्य चीजों की देखभाल करेंगे. इस पर पीठ ने कहा कि अगर यही कार्य योजना है तो पूरा संदर्भ और पृष्ठभूमि ही बदल जाएगी. पूरे मामले पर अदालत ने कहा कि अगर डीडीए हर 60 या 99 साल के बाद लीज समाप्त करने जा रही है, तो इसमें निरंतर या विरासत की बात कहां है. इसके साथ ही अदालत ने मामले की सुनवाई को स्थगित करते हुए डीडीए के वकील को मामले में उचित निर्देश देने को कहा है.
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