नई दिल्ली: कोरोना महामारी और किसान आंदोलन के चलते दिहाड़ी मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है. वह सुबह 6 बजे किराड़ी विधानसभा के त्रिपाठी एनक्लेव लेबर चौक पर आकर बैठ जाते हैं. काम ना मिलने की वजह से मायूस होकर घर वापस लौटना पड़ता है. ऐसे में इन डेली वेज मजदूरों की जिंदगी में घर चलाने का संकट खड़ा हो चुका है. इनके लिए दो वक्त की रोटी की व्यवस्था करना और घर का किराया निकालना भी मुश्किल हो रहा है.
कई दिनों तक नहीं मिलता काम
इन दिहाड़ी मजदूरों को पहले कोरोना महामारी और अब किसान आंदोलन की वजह से रोजगार नहीं मिल पा रहा है. सभी बॉर्डर सील होने की वजह से, जो मटेरियल दिल्ली में आया करता था, उस पर रोक लगा पड़ा है. इस कारण भी मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है. इनका कहना है परिवार के लिए दो वक्त का खाना जुटाना भी मुश्किल हो रहा है. रोजाना सुबह 6 बजे आ जाते हैं. कई-कई दिन हो जाते हैं, काम नहीं मिलता है. महीने में 10 से 12 दिन ही काम मिल पाता है. उसी से परिवार का पालन पोषण करते हैं. पहले लॉकडाउन और अब किसान आंदोलन की वजह से रोजगार खत्म हो चुका है. दाने-दाने को मोहताज हो चुके हैं. जो लेबर कार्ड बनवाया था, उसका भी सरकार की तरफ से कोई लाभ नहीं मिला. काम ना मिलने के कारण उधार लेकर परिवार का खर्चा उठाना पड़ रहा है. इस वजह से कर्जे में डूबते जा रहे हैं.