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Ground Report: 2 दशक से बदहाल है तिगीपुर गांव का सामुदायिक भवन, बना असामाजिक तत्वों का अड्डा

बाहरी दिल्ली के तिगीपुर गांव में साल 1997 में गरीबों और जरूरतमंदों के लिए बनवाया गया सामुदायिक भवन अब जर्जर अवस्था में है. साथ ही असामाजिक तत्वों के लोगों की अय्याशी का अड्डा बन गया है. इस सामुदायिक भवन का जीर्णोद्धार नहीं किए जाने को लेकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है. लोग इसके लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पूर्व विधायकों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

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दिल्ली के तिगीपुर गांव में बदहाल है सामुदायिक भवन

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Published : Jul 17, 2021, 8:53 PM IST

नई दिल्ली:बाहरी दिल्ली की नरेला विधानसभा क्षेत्र के तिगीपुर गांव में करीब दो दशक पहले बना सामुदायिक भवन अब बदहाल है. जर्जर अवस्था में खड़ी इसकी इमारत अपने जीर्णोद्धार की राह देख रही है. जर्जर हो चुके सामुदायिक भवन के गिरने की आशंका के चलते बड़े हादसे का भी खतरा बना रहा है. बता दें कि यह समुदायिक भवन दिल्ली सरकार के फंड से बनवाया गया था, जो कि साल 1997 में बनकर तैयार हुआ था और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा ने इसका उद्घाटन किया था.

ईटीवी भारत की टीम ने तिगीपुर का दौरा किया तो गांव के लोगों ने बताया कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा ने इस समुदायिक भवन को गरीबों और जरूरतमंदों के लिए बनवाया था. वो चाहते थे कि समाज के गरीब और जरूरतमंद लोग अपने बच्चों की शादी-समारोह यहां कर सकें, लेकिन अब यह सामुदायिक भवन बदहाल और जर्जर अवस्था में खड़ा हादसों को दावत दे रहा है. साथ ही असामाजिक तत्वों के लोगों की अय्याशी का अड्डा बन गया है.

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बता दें कि शुरुआत में इस समुदायिक भवन के अंदर कुछ सामाजिक कार्यक्रम हुए थे, लेकिन उसके बाद करीब 20 साल से यह बदहाली की मार झेल रहा है. इसे दोबारा एक बार भी लोगों के सामाजिक कार्यक्रमों के लिए तैयार नहीं कराया गया, जिसकी वजह से यह बदहाल हो गया है. इससे कभी भी हादसे हो सकते हैं.

दिल्ली के तिगीपुर गांव में बदहाल है सामुदायिक भवन

स्थानीय लोग अपने जनप्रतिनिधियों को कोसते हुए कहते हैं कि नेता तो केवल वोट लेने के समय ही इलाके में दिखाई देते हैं उसके बाद कभी भी जनता की सुध लेने के लिए नहीं आते. अगर गरीब लोगों को शादी के लिए कहीं जगह तलाशने होती है तो उन्हें जल्दी से सस्ती जगह नहीं मिलती. सड़क पर महंगे टेंट पंडाल लगाकर शादी करनी पड़ती है, जिसकी वजह से दूसरे लोगों को भी असुविधा होती है.

तिगीपुर गांव में रहने वाली महिला सुदेश राणा ने बताया कि गांव के अधिकतर लोग आर्थिक रूप से संपन्न हैं, जो बड़े-बड़े फार्म हाउस में बच्चों की शादी और जन्मदिन आदि के कार्यक्रम करते हैं. लेकिन, गरीब लोगों के लिए यही एक उम्मीद थी और यह भी दशकों से बदहाल पड़ी हुई है. कई बार कांग्रेस के विधायक यहां से चुनाव जीत चुके हैं. वहीं, बाद आम आदमी पार्टी से विधायक शरद चौहान भी 2 बार लगातार यहां से जीत हैं, लेकिन सामुदायिक भवन की हालात सुधरने की जगह बद से बदतर होती चली गई.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि इस समुदायिक भवन में जहरीले सांप ओर छिपकली प्रजाति के बड़े बड़े जीव भी निकलते हैं, जो लोगों के घरों में घुस जाते हैं. इससे आस-पास के लोगों की जान का खतरा भी बना हुआ है. साथ ही यह इमारत नशेड़ियों ओर असामाजिक तत्वों की अय्याशी का अड्डा बन गया है, जिसका प्रभाव आस-पड़ोस के छोटे छोटे बच्चों पर भी पड़ रहा है.

वहीं, जब इस बारे में बख्तावरपुर वार्ड के भाजपा पार्षद सुनीत चौहान से बात की गई तो उन्होंने भी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पूर्व विधायकों को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार इस समुदायिक भवन का जीर्णोद्धार कराने में नाकाम रही है. आम आदमी पार्टी की जो सरकार दिल्ली को लंदन बनाने की बात करती है, वह लोगों के प्रयोग में आने वाले साधनों का विकास नहीं कर पा रही है. उन्होंने कहा कि वह खुद भी सरकार से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द दिल्ली में बने ज्यादातर बदहाल सामुदायिक भवनों का जीर्णोद्धार कराया जाए, जिससे गांव और आस-पास के इलाकों में रहने वाले गरीब लोग उनका प्रयोग कर सकें.

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