नई दिल्ली:सीसीटीवी कैमरे को लेकर भाजपा की महिला पार्षदों का वीडियो रविवार को सामने आया था. वीडियो में महिला पार्षद कैमरे को तोड़ते हुए दिखाई दे रही है. सीसीटीवी कैमरे के पूरे मामले को लेकर सिविल लाइन थाने में भाजपा की महिला पार्षदों ने लिखित शिकायत दर्ज कराई है. महिला पार्षदों ने धरनास्थल पर महिलाओं के विश्राम करने की जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का विरोध किया है.
भाजपा की महिला पार्षद मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठीं केजरीवाल महिलाओं के निजता के अधिकार का हनन कर रहेरविवार देर शाम मुख्यमंत्री आवास के बाहर भाजपा की महिला पार्षदों द्वारा सीसीटीवी कैमरे को तोड़ने की तस्वीरें कुछ सामने आए थीं. जिसके बाद इस पूरे मामले ने तूल पकड़ लिया.आज सुबह 11:30 बजे इस पूरे मामले पर भाजपा की महिला पार्षदों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपना पक्ष भी रखा. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान भाजपा की पार्षद और पूर्व मेयर कमलजीत सहरावत ने स्पष्ट तौर पर कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल धरनास्थल के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाकर महिलाओं के निजता के अधिकार का हनन कर रहे हैं. पहले ही धरनास्थल के आसपास लगभग 10 कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन उसके बावजूद और कैमरे धरनास्थल के अंदर लगाए जा रहे हैं.
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वह भी उस स्थान पर जहां पर पार्षद महिलाएं आराम करती हैं. ऐसे में भाजपा महिला पार्षदों ने देर शाम सीसीटीवी कैमरे जब लग रहे थे तो अपना विरोध दर्ज कराया.जहां तक कैमरा तोड़ने की बात है. भाजपा की महिला पार्षदों ने किसी भी तरह से अनुशासन नहीं तोड़ा है. सीसीटीवी कैमरा लगाने के दौरान हुई बहस में ही कैमरा लगाने वाले कर्मचारियों से नीचे गिरा था. भारतीय संविधान में आर्टिकल 21 के अनुसार हमें अपने निजता के अधिकार का हक मिला है.
सिविल लाइंस थाना में लिखित शिकायत भी दर्ज
कुल मिलाकर देखा जाए तो मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठी महिलाओं ने अपने निजता के अधिकार के हनन को लेकर सीसीटीवी कैमरे के ऊपर ना सिर्फ सवाल उठाए हैं बल्कि इस पूरे मामले को लेकर सिविल लाइंस थाना में लिखित शिकायत भी दर्ज करवा दी है. महिलाओं का कहना है कि अरविंद केजरीवाल महिलाओं के निजता के अधिकार का हनन कर रहे हैं. जिसका भाजपा की महिला पार्षद विरोध करती है और करती रहेगी.