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Delhi Riots 2020: दिल्ली दंगे के मुख्य गवाह ASI दीपक दहिया ने की शाहरूख की कोर्ट में पहचान

दिल्ली पुलिस के ASI दीपक दहिया ने दिल्ली दंगे के आरोपी शाहरूख की कोर्ट में पहचान की. दहिया ने कोर्ट में शाहरुख के साथ-साथ कोर्ट में मौजूद उसके अन्य साथियों की भी पहचान की. कोर्ट ने शाहरूख पर हत्या के प्रयास, मारपीट, दंगा, गैरकानूनी असेंबली और लोक सेवकों को कर्तव्य के निर्वहन में बाधा डालने का आरोप लगाया है.

Delhi Riots 2020
Delhi Riots 2020

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Published : May 25, 2023, 4:14 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में गुरुवार को दिल्ली दंगे से संबंधित शाहरूख पठान व अन्य के मामले की सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान सरकारी गवाह के रूप में एएसआई दीपक दहिया को कोर्ट में गवाही देने के लिए बुलाया गया था.

अभियोजन पक्ष के वकील ने दीपक दहिया से कई सवाल पूछे, जिनमे से सबसे मुख्य सवाल शाहरुख पठान की पहचान करना था. दीपक दहिया ने सवाल पूछे जाने पर कोर्ट को इशारा कर बताया कि कोर्ट में बैठा यही व्यक्ति शाहरुख है. दहिया ने कोर्ट में शाहरुख के साथ-साथ कोर्ट में मौजूद उसके अन्य साथियों की भी पहचान की. पुलिस विभाग की ओर से इस केस में अन्य वस्तुएं जैसे आरोपी के कपड़े, हथियार व गोलियां आदि भी अदालत को पेश किए गए. जहां दीपक दहिया ने दंगे वाले समय शाहरुख के पहने हुए कपड़ो की भी पहचान की.

दिल्ली दंगों में शामिल शाहरूख

दीपक दहिया ने कोर्ट में उस दिन की घटना को याद करते हुए बताया कि उस समय काफी लोगों की भीड़ इकट्ठा थी और वो पथराव करते हुए चिल्ला रहे थे कि पुलिस वालों को मारो. इस घटना का एक फोटो भी खूब वायरल हुआ, जिसमें शाहरूख पठान दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर बंदूक ताने हुए है. इस मामले में दिल्ली की ही एक अदालत ने पुलिसकर्मी पर बंदूक तानने वाले शख्स शाहरुख पठान के खिलाफ आरोप तय किए हैं, जिसके बाद उसे 3 मार्च, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और वह वर्तमान में तिहाड़ जेल में बंद है.

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इस मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने शाहरूख पर हत्या के प्रयास, मारपीट, दंगा, गैरकानूनी असेंबली और लोक सेवकों को कर्तव्य के निर्वहन में बाधा डालने का आरोप लगाया है. अदालत ने शिकायतकर्ता दहिया के बयान से कहा कि यह काफी स्पष्ट है कि शाहरूख ने दंगाइयों के एक समूह को 24 फरवरी, 2020 को गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने के लिए नेतृत्व किया और घातक हथियारों से पूरी तरह से लैस होकर दंगा किया.

न्यायधीश ने कहा कि पूरी घटना को एक पत्रकार ने कैमरे में कैद कर लिया है और इसलिए न केवल शिकायतकर्ता का बयान है, बल्कि आरोपी के आचरण को साबित करने के लिए वीडियो फुटेज के रूप में अतिरिक्त इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी हैं. अदालत ने कहा कि फुटेज सही, निरंतर और बिना छेड़छाड़ के पाया गया. इस मामले की अगली सुनवाई कल 26 मई को फिर होगी.

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