नई दिल्लीः दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा में दुकान में तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में दो आरोपियों को दोषी करार दिया है. एडिशनल सेशंस जज पुलस्त्य प्रमाचल ने दोनों दोषियों की सजा पर 8 जनवरी को विचार करने का आदेश दिया. कोर्ट ने जिन आरोपियों को दोषी करार दिया है उनमें नूर मोहम्मद ऊर्फ नूरा और नबी मोहम्मद शामिल हैं.
कोर्ट ने नूरा को भारतीय दंड संहिता की धारा 148, 149, 188, 392, 427, 435 और 436 के तहत दोषी करार दिया. जबकि, नबी मोहम्मद को धारा 411 के तहत दोषी करार दिया है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को हिरासत में लेने का आदेश दिया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
घटना 24 फरवरी 2020 की है.
1 मार्च 2020 को शिकायकर्ता दिलीप और शिव कुमार राघव ने संयुक्त रूप से खजूरी खास पुलिस थाने में लिखित शिकायत दी थी. इसके आधार पर पुलिस ने 4 अप्रैल 2020 को एफआईआर दर्ज की थी. शिकायत के मुताबिक, 24 फरवरी 2020 को गिरि आटोमोबाइल्स में 40-50 की संख्या में दंगाई तोड़फोड़ करते घुसे और वर्कशाप के बाहर खड़े दो मोटरसाइकिल को आग लगा दिया. दंगाईयों ने वर्कशाप के खुले हुए शटर को तोड़ दिया और वर्कशाप में आग लगाकर वहां पड़े 13 मोटरसाइकिल को जला दिया.
शिकायत के मुताबिक, दंगाईयों में से दो लड़के शिकायकर्ताओं की तरफ आए. एक गेट के पास खड़ा रहा और दूसरा आकर शिकायतकर्ताओं को आग से जलाकर मार डालने की धमकी देते हुए मोबाइल फोन और पैसे मांगने लगा. आरोपियों ने दोनों शिकायतकर्ताओं के मोबाइल फोन और पैसे ले लिए और पांच मिनट के अंदर घटनास्थल से भाग गए.