दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

दिल्ली हिंसा: जीटीबी अस्पताल में शवों की पहचान करना बना चुनौती

राम मनोहर लोहिया अस्पताल और जीटीबी अस्पताल में जहां डॉक्टर की टीम लगातार घायलों का ट्रीटमेंट दे रही है तो वहीं दूसरी और शव की पहचान ना होने से वह चिंतित भी हैं ऐसे में लगातार यह प्रयास किए जा रहे हैं कि डीएनए और शव से मिले कपड़े के जरिए पहचान हो.

By

Published : Mar 4, 2020, 12:59 PM IST

Identification of dead bodies in GTB hospital became a challenge
जीटीबी अस्पताल में शवों की पहचान करना बना चुनौती

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के उत्तरी-पूर्वी जिले में सीएए, एनआरसी को लेकर जहां विरोध प्रदर्शन ने 47 लोगों की जान ले ली, तो वहीं दूसरी ओर जीटीबी अस्पताल में ऐसे तीन बॉडी के पार्ट हैं. जिनकी पहचान करने के लिए पुलिस और डॉक्टरों के बीच सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. जीटीबी में इन्हें मिलाकर 38 शव हैं.

जीटीबी अस्पताल में शवों की पहचान करना बना चुनौती



जीटीबी में तीन में बॉडी पार्ट
जीटीबी अस्पताल के मेडिकल सुप्रिडेंट डॉक्टर सुनील कुमार से मिली जानकारी के अनुसार, अस्पताल में 38 शव के पोस्टमार्टम कराए गए हैं और उसमें से तीन बॉडी के पार्ट है. उन्होंने बताया कि एक पैर, एक सिर और आधा धड़ है.

बाकी अन्य शव की पहचान की कोशिश तो लगातार की जा सकती है, लेकिन बॉडी के पार्ट की पहचान करना सबसे बड़ी चुनौती है. हालांकि जो परिजन मिसिंग शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं, उनकी डीएनए के जरिए पहचान कराने की कोशिश की जा रही है.

वहीं दूसरी ओर गोकलपुरी से तीन और करावल नगर के एक नाले से पुलिस पांच शव मिले थे. जिसमें से दो की पहचान हो चुकी है, एक का नाम आफताब तो दूसरे का नाम सलमान है. लेकिन अभी भी तीन राम मनोहर लोहिया अस्पताल की मोर्चरी में है. अहम बात यह है कि कई दिन तक शव नाले में पड़े होने के चलते वह बेहद ही खराब हालत में है, जिससे उनकी पहचान करना भी एक बड़ी चुनोती है.



फिलहाल राम मनोहर लोहिया अस्पताल और जीटीबी अस्पताल में जहां डॉक्टर की टीम लगातार घायलों का ट्रीटमेंट दे रही है तो वहीं दूसरी और शव की पहचान ना होने से वह चिंतित भी हैं ऐसे में लगातार यह प्रयास किए जा रहे हैं कि डीएनए और शव से मिले कपड़े इत्यादि वस्तु के जरिए पहचान हो.

ABOUT THE AUTHOR

...view details