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हिंदु, मुस्लिम और सिख समुदाय ने मिलकर याद की शहीद भगत सिंह की कुर्बानी

भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 23 मार्च, 1931 को फांसी पर लटकाया गया था. इन तीनों को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत में 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है. इनकी याद में आयोजित कार्यक्रम में आयोजकों ने सरकार से मांग की है कि इन्हें शहीदों का दर्जा देकर श्रद्धांजलि देनी चाहिए.

23 मार्च को मनाया जाता है शहीद दिवस

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Published : Mar 11, 2019, 2:38 PM IST

नई दिल्ली:देश के लिए फांसी पर झूल जाने वाले भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की याद में कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसमें आयोजकों ने सरकार से मांग की है कि तीनों कोशहीदका दर्जा देकर श्रद्धांजलि दी जाए. लोगों ने मांग की है कि देश की आजादी में अहम किरदार निभाने वाले शहीदों की जीवनियां भी सिलेबस में शामिल की जाएं.

शहीद भगत सिंह सोशल वेलफेयर सोसाइटी और अमन कमेटी के तत्वाधान में उत्तर पूर्वी जिले के जाफराबाद इलाके में शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की याद में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर स्कूली बच्चों ने देश भक्ति गीतों पर शानदार प्रस्तुति दी, वहीं सिंगर/एक्टर बानी कौर ने भी कई देश भक्ति गीत गाए. इस मौके परभगत सिंह समेत आजादी के लिए जान कुर्बान करने वालों के लिएशहीद कादर्जा दिए जाने की मांग की गई.

सरकार से शहीदों का दर्जा देने की मांग

'ना भूलें कुर्बानी'

अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह ने बताया कि 23 मार्च को होने वाले शहीद दिवस को ध्यान मेंरखते हुए उनकी शहीद भगत सिंह सोसाइटी 1 से 31 मार्च तक हर रोज इसी तरह के कार्यक्रम करते हुए शहीदों को नमन करके याद करती है. इस मौके पर सिंगर एक्टर बानी कौर ने कहा कि जिनकी वजह से देश आजाद हुआ हमें उनकी कुर्बानी को कभी भुलाना नहीं चाहिए. युवाओं की भी इन सच्चे देशभक्तों की शहादत को अपने जहन में सदैव याद रखना चाहिए.

शहीद भगत सिंह पर जारी हो सिक्का

अमन कमेटी के अध्यक्ष खालिद बाबा ने कहा कि शहीद भगत सिंह की याद युवाओं में ताजा रखने के लिए सरकार को एक रुपये के सिक्के पर भगत सिंह की तस्वीर अंकित करनी चाहिए. उन्होंने इस चौक का नाम भगत सिंह चौक रखे जाने की भी मांग की.

पाठ्यक्रम में शामिल की जाएं जीवनियां

इस मौके पर सोसाइटी ने येभी मांग की इन शहीदों की कुर्बानी के बारे में देश की आने वाली पीढ़ी भी जाने. इसके लिएशहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की जीवनियों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए.

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