नई दिल्ली:डीडीए आवासीय योजना को लॉन्च हुए 65 दिन से ज्यादा हो गए हैं. इतना समय बीतने के बाद भी इस आवासीय योजना में लोगों की कोई दिलचस्पी नहीं दिख रही है. यही वजह है कि अब डीडीए लोगों को लुभाने के लिए अपने ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल कर रहा है.
डीडीए की तरफ से रोजाना ट्वीट कर इस आवासीय योजना की जानकारी दी जा रही है. इसके साथ ही लोगों से जल्द आवेदन के लिए भी कहा जा रहा है.
लोगों में DDA को लेकर उत्साह नहीं अब तक आए 24 हजार आवेदन
जानकारी के मुताबिक डीडीए ने 25 मार्च को 18 हजार फ्लैट्स के लिए अपनी आवासीय योजना लॉन्च की थी. इस आवासीय योजना में ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे. इसके लिए 13 बैंकों को भी आवेदन में मदद के लिए चुना गया था. लेकिन 65 दिनों के डीडीए के प्रयास के बावजूद अभी तक लगभग 24 हजार आवेदन ही डीडीए को मिले हैं.
ऐसे में 18 हजार फ्लैट्स के लिए ड्रा निकालना उनके लिए बड़ा मुश्किल लग रहा है. इस आवासीय योजना में आवेदन की अंतिम तारीख 10 जून है. इसलिए इन 10 दिनों में ज्यादा से ज्यादा आवेदन जुटाने की कोशिश में डीडीए जुट गया है.
ट्विटर पर भी नहीं मिल रहे लाइक्स
डीडीए बीते चार दिन से ट्विटर पर रोजाना अपने फ्लैट्स की जानकारी देकर लोगों से आवेदन मांग रहा है. हैरानी की बात ये है कि 10 हजार फॉलोवर होने के बावजूद डीडीए के ट्वीट को 3 से 4 लाइक ही मिल पा रहे हैं. यहां भी लोग उनके पुराने फ्लैट्स को लेकर उनकी खिंचाई कर रहे हैं. ऐसे में लगता नहीं है कि ट्विटर के जरिये डीडीए को ओस आवासीय योजना के लिए आवेदन बढ़ाने में कोई खास मदद मिलेगी.
फ्लॉप दिख रही योजना
डीडीए की साल 2019 आवासीय योजना साल 2017 की आवासीय योजना की तरह अभी तक फ्लॉप होती दिख रही है. साल 2017 में 12 हजार फ्लैट्स के लिए लगभग 50 हजार आवेदन जुटाने में डीडीए कामयाब रहा था. लेकिन इस बार की आवासीय योजना में 18 हजार फ्लैट्स के लिए 25 हजार आवेदन भी डीडीए के पास नहीं आये हैं.
इस आवासीय योजना में ईडब्ल्यूएस से लेकर एचआईजी फ्लैट तक शामिल हैं. लेकिन डीडीए को मिले ज्यादातर आवेदन वसंत कुंज के लिए हैं. ऐसे में डीडीए के लिए ड्रा निकालना मुश्किल होगा.
नहीं भा रहे डीडीए फ्लैट
सूत्रों की माने तो डीडीए के फ्लैट मुख्य तौर पर दो वजहों से लोगों को नहीं भा रहे है. नरेला में बने फ्लैट्स की लोकेशन जहां लोगों को पसंद नहीं आ रही है तो वहीं वसंत कुंज के फ्लैट्स की कीमत बहुत ज्यादा है. इस वजह से लोग इस बार की आवासीय योजना में आवेदन करने से परहेज कर रहे हैं.