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गरीबों को राशन के नाम पर मिल रहा खराब अनाज, सरकार पर खड़े किए सवाल - दिल्ली में लॉकडाउन

दिल्ली में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए जहां लॉकडाउन लगाया गया है. वहीं लॉकडाउन में गरीबों और मजदूरों को खाने-पीने की हो रही परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार राशन बांट रही है, लेकिन इसी बीच सीलमपुर विधानसभा में लगने वाले स्कूल में बांटे जा रहे राशन को लेकर स्थानीय लोगों ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं, जिसमें स्थानीय लोगों ने मिल रहे राशन को खराब बताया है.

poor people got useless grain in new seelampur of delhi
राशन

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Published : May 17, 2021, 7:53 AM IST

नई दिल्ली:कोरोना महामारी पर लगाम कसने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते गरीब और जरूरत लोगों को होने वाली परेशानी को देखते हुए सरकार ने फ्री राशन दिए जाने का एलान किया है. इस फ्री राशन की सच्चाई यह है कि स्कूलों से मिल रहा अनाज और चावल खराब होने लगा है, जिसे लेकर लोग परेशान हैं. सीलमपुर विधानसभा में लगने वाले स्कूल से राशन ले जाने वाले लोगों ने इस राशन को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.

गरीबों को राशन के नाम पर मिल रहा खराब अनाज


गौरतलब है कि लॉकडाउन की वजह से बहुत से लोगों को दिल्ली सरकार एक तरफ जहां राशन कार्ड धारकों को राशन की दुकानों से दो महीने का राशन, जबकि बिना कार्ड वालों को विधायक के यहां से मिली पर्ची के आधार पर गेहूं व चावल स्कूलों से दिए जा रहे हैं.

इसी कड़ी में सीलमपुर विधानसभा के न्यू सीलमपुर स्थित सीआर दास स्कूल राजकीय सर्वोदय विद्यालय से भी गरीबों को राशन दिया जा रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने स्कूल से राशन लेकर निकली कुछ महिलाओं से बातचीत की, तो उन्होंने हैरान करने वाला खुलासा. दरअसल इन महिलाओं का साफ कहना था कि को गेहूं और चावल दिए जा रहे हैं, वह बहुत पुराने और खराब हैं. यहां तक की गेहूं को देखकर तो यह लगता है कि गेहूं बीझे हुए (कीड़े वाले) लगते हैं.

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महिलाओं का तो यहां तक कहना था कि यहां से मिलने वाले गेहूं को तो चक्की वाले भी पीसने से इंकार कर रहे हैं. महिलाओं का कहना था कि सरकार फ्री की बात कहकर खराब और ऐसा राशन दे रही है, जिसे खाना भी मुश्किल है. महिलाओं का कहना था कि सरकार को चाहिए कि इस राशन के बदले राशि गरीबों- जरूरतमंद लोगों के खाते में डलवा दें, ताकि लोग अपनी जरूरत के हिसाब से आटा और चावल खरीद कर इस्तेमाल कर सकें.

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