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यमुना विहार: श्री सनातन धर्म सभा में संगीतमय श्रीराम कथा का आयोजन

यमुना विहार में श्रीरामकथा का आयोजन किया जा रहा है.जिसमें बढ़-चढ़ कर महिला पुरुष हिस्सा ले रहे है.वहीं 31 दिसंबर को हवन और भंडारे से समापन होगा.

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Published : Dec 25, 2019, 5:03 PM IST

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श्रीरामकथा

नई दिल्ली : यमुना विहार में स्थित श्री सनातन धर्म सभा में संगीतमय श्री राम कथा का भव्य आयोजन किया जा रहा है. श्रीराम कथा आचार्य पंडित संजय भैया के श्रीमुख से शुरू हुई . जिसमें सैंकड़ो महिला पुरुष कथा का लाभ उठा रहे हैं. श्रीराम कथा सुनने से जहां मन में अच्छी भावनाएं जागृत होती हैं. वहीं मानव का जीवन कल्याणकारी बन जाता है. कथा का समापन 30 दिसंबर को होगा.

श्री सनातन धर्म सभा में संगीतमय श्रीराम कथा का आयोजन.


श्री सनातन धर्म सभा में संगीतमयी श्रीराम कथा का आयोजन

उत्तर पूर्वी जिले के सी 4 यमुना विहार स्थित श्री सनातन धर्म सभा (रथ वाला मंदिर) में संगीतमयी श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है. कथा की शुरुआत गत 22 दिसंबर को 51 सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा भव्य कलश यात्रा से हो चुकी है. जिसमें आचार्य पंडित संजय भैया जी 'मानस चकोर' अपने बड़े ही अनूठे अंदाज में श्रद्धालुओं को कथा का रसपान करा रहे हैं. जिसे सुनकर श्रद्धालु बरबस ही श्रीराम कथा सुनने खिंचे चले आ रहे हैं.

31 दिंसबर को श्री राम कथा का समापन

श्री सनातन धर्म सभा कमेटी के प्रधान लख्मी सिंह ने बताया कि श्रीराम कथा के प्रमुख यजमान संजीव कुमार गर्ग हैं जबकि कलशों की सेवा ओमप्रकाश गुप्ता और दीपक गुप्ता ने की. वहीं प्रसाद की जिम्मेदारी रामावतार खंडेलवाल निभा रहे हैं. श्री राम कथा दोपहर 2 बजे से शुरू होकर शाम छह बजे तक चल रही है. 30 दिसंबर को सम्मान समारोह होगा. जबकि 31 को सुबह दस बजे हवन और भंडारे से समापन होगा.

मानव जीवन को कल्याणकारी बना देती है श्रीराम कथा

श्री सनातन धर्म सभा रथ वाले मंदिर के पुजारी पंडित झह प्रसाद शर्मा बृजवासी ने बताया कि वह श्रीराम कथा ही है जो मानव जीवन को कल्याणकारी बना देती है. कथा से हमारे जीवन मे अच्छी भावनाएं जागृत होती हैं. संजय भैया मानस चकोर जी के श्रीमुख से श्रीराम कथा सुनने के लिए दूर दराज से भी श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं. महिला श्रद्धालुओं का कहना था कि भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में श्रीराम कथा से पूर्ण शांति प्राप्त होती है. जिसे हासिल करने के लिए हम किसी भी हाल में समय निकालकर मंदिर पहुंचते हैं.


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