नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी जिले के सोनिया विहार इलाके में पड़ने वाली चौहान पट्टी में पिछले दिनों जमीनी विवाद में एक शख्स को गोली मार दी. अस्पताल में कई दिन इलाज के बाद मंगलवार को इसकी मौत हो गई.
जमीनी विवाद को लेकर बदमाशों ने बाबूराम को मारी गोली फिलहाल पुलिस मामला दर्ज कर वारदात में शामिल आरोपियों की तलाश कर रही है. वहीं परिजनों का कहना है कि वारदात में शामिल आरोपी दबंग और पैसे वाले हैं. ऐसे में पुलिस वारदात में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है. वहीं पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया.
गोली मारकर फरार हुए बाइक सवार
जानकारी के मुताबिक मृतक बाबूराम अपने पूरे परिवार के साथ करावल नगर इलाके में रहते थे, जबकि इनकी जमीन चौहान पट्टी इलाके में है. गत 29 अगस्त को बाबूराम अपने खेतों से करावल नगर स्थित घर की तरफ लौट रहे थे, तभी चौहान पट्टी में दो बाइक पर सवार चार लोगों ने उन्हें घेर लिया और गोलियां बरसा दी. उसके बाद मौके से फरार हो गए.
प्रीतम को पुलिस ने किया गिरफ्तार
घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस उन्हें अस्पताल ले गई, जहां उपचार के बाद मंगलवार को उसकी मौत हो गई. बाबूराम पर हुए जानलेवा हमले के मामले में परिजनों की तरफ से चरत सिंह, भरत सिंह और प्रीतम समेत 4 के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में पुलिस ने प्रीतम को घटना के 2 दिन बाद ही गिरफ्तार कर लिया था, जबकि चरत सिंह और भरत सिंह तब से लेकर अब तक फरार चल रहे हैं.
गांव के ही हैं सभी आरोपी
मृतक बाबूराम के भतीजे राजकुमार तोमर ने बताया कि उनकी पैतृक जमीन पर चरत सिंह, भरत सिंह आदि ने कब्जा कर लिया था जिसे लेकर बाबूराम ने कोर्ट में केस डाला हुआ था और वहीं उसकी सुनवाई चल रही है परिजनों की मानें तो आरोपी दबंग प्रवृत्ति के हैं और आपराधिक रिकॉर्ड होने के कारण वह कई बार बाबूराम को इस केस से हट जाने के लिए धमका भी चुके थे. क्योंकि आरोपी गांव के ही रहने वाले हैं ऐसे में बाबूराम और परिजनों ने इसे हल्के में लिया, लेकिन 29 तारीख की शाम करीब 6 बजे जब बाबूराम अपने घर के लिए लौट रहे थे तभी चौहान पट्टी इलाके में बाइक सवार बदमाशों ने बाबूराम को घेरकर गोली मार दी.
बाबूराम अकेले ही कर रहे थे कोर्ट केस की पैरवी
परिजनों के मुताबिक बाबूराम का काफी बड़ा परिवार है और जिस जगह लेकर विवाद चल रहा है, वह एक पैतृक जगह है. आरोपी चरत सिंह और भरत सिंह ने उस जगह पर अपना कब्जा जमा लिया.
तड़ीपार भी हो चुके हैं बाबूराम के हत्यारोपी
बाबूराम के करीबी रिश्तेदार ओमपाल तोमर ने बताया कि वारदात में शामिल न केवल भूमाफिया बल्कि वह जबरन सीधे-साधे लोगों की जगहों पर कब्जा कर लेते हैं. इतना ही नहीं कई वारदातों में शामिल चल रहे चरत सिंह को हाल ही में 6 महीने के लिए तड़ीपार भी किया गया था.