नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में अश्लील फोटो वायरल करने का डर दिखाकर ब्लैकमेलिंग किए जाने से परेशान होकर एक लड़के की आत्महत्या से जुड़े मामले के आरोपी ने कोर्ट में अपनी अंतरिम जमानत की अर्जी दी. इसमें कोर्ट से ये निवेदन किया गया कि आरोपी आवदेक एक पढ़ा लिखा विज्ञान स्नातक व्यक्ति है. साथ ही वह एक साफ सुथरी छवि वाला व्यक्ति है जिसे इस आत्महत्या से जुड़े मामले में फंसाया गया है और उसकी मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाने की कोई मंशा नही थी.
आरोपी की ओर से पेश हुए वकील ने अपने बचाव में कहा कि, मृतक शिकायतकर्ता के पिता की और से सीआरपीसी की धारा 156(3) व धारा 200 के तहत मजिस्ट्रेट कोर्ट में एक शिकायत दर्ज की गई थी. इसी शिकायत पर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. इस एफआईआर में आवेदक के ऊपर सीधे तौर पर मृतक को आत्महत्या के लिए उकसाने व प्रताड़ित करने का कोई भी आरोप नहीं लगाया गया है.
जमानत अर्जी पर बहस के दौरान वकील ने कोर्ट को यह भी बताया कि दिनांक 16/1/2022 को सुबह 9 बजे आरोपी अपने दोस्त एकांश (सहआरोपी) और अन्य मित्र राजा रॉय के साथ क्रिकेट खेल रहा था. जब इन लोगों ने एकांश को खेलने के लिए बुलाया तो उसने आने से मना कर दिया. उसी दिन एकांश व राजा रॉय दोपहर 2 बजे जब पीड़ित को उसके घर से बुलाने गए तो उसने कई बार आवाज लगाने पर भी अपने घर का दरवाजा नही खोला. इसपर आरोपियों ने ने उसके घर का दरवाजा तोड़ा तो देखा कि वह छत के पंखे से लटका हुआ था.
इसके बाद आरोपियों ने तुरंत मृतक के भाई को बुलाया और उसका भाई ऑटो में उसे अस्पताल लेकर गया. यहां जांच के बाद उसे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. आरोपी पक्ष के वकील ने बताया कि मृतक पिछ्ले कई साल से यूपीएससी की तैयारी कर रहा था और उसका सेलेक्शन न होने के कारण वो परेशान रहता था. साथ दिशा (बदला हुआ नाम) नाम की लड़की से उसका अफेयर भी चल रहा था जो कि एक बैंक में नौकरी करती है. दिशा से उसका ब्रेकअप होने कारण से वह काफी दिनों से मानसिक दवाब में भी था.
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वहीं मृतक के पिता की और से सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि दिशा और उसके बेटे के रिश्ते थे. वह आरोपी की मित्र भी रही है. आरोपियों ने दिशा के साथ मिलकर मृतक और दिशा के अश्लील फोटो वायरल करने की धमकी दी थी, जिस कारण से दवाब में आकर उनके बेटे ने आत्महत्या कर ली. पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने कोर्ट में इस मामले को काफी गंभीर बताया और सबूत को अगली तारीख पर पेश करने को कहा है. सरकारी वकील ने कोर्ट से आरोपी को जमानत ना देने की अपील भी की. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश स्वाति कटियार ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि आरोपी पर लगे आरोप काफी गंभीर हैं. साथ ही इस स्टेज में आरोपी को जमानत देने से आरोपी सबूतों के साथ छेड़छाड़ भी कर सकता है इसलिए उसकी जमानत अर्जी खारिज की जाती है.
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