नई दिल्लीःजमीयत उलेमा-ए-हिंद के दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष ने 'आप' नेता के बयान पर हैरानी जताई है. उन्हों कहा कि राजनीतिक लाभ उठाने के लिए सीएए-एनआरसी आंदोलन को बीच में रखकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि शाहीन बाग में होने वाले धरना-प्रदर्शन की कमान किसी राजनीतिक दल ने नहीं, बल्कि महिलाओं ने संभाल रखी थी. जो लोग आज इसे लेकर सियासी हंथकंडे अपना रहे हैं, वह उस समय कहां गायब हो गए थे जब आंदोलनकारियों को उनकी जरूरत थी.
उन्होंने कहा कि शाहीन बाग में बैठने वाली महिलाओं का किसी भी राजनीतिक दल संबंध नहीं था. यहां तक कि कोई उनसे बात भी करता था, तो महिलाएं ही बातचीत करती थीं. उन्होंने किसी भी दल के नेताओं को आंदोलन में घुसने नहीं दिया. मौलाना दाउद ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और कानून के दायरे में रहकर विरोध-प्रदर्शन करने का अधिकार है.