दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

सीलमपुर: पुलिस ने की कोरोना वायरस का डर बता धरना हटाने की कोशिश

उत्तर पूर्वी जिले के सीलमपुर जाफराबाद इलाके में CAA, NRC और NRP के खिलाफ धरना पिछले काफी दिनों से चल रहा है. धरने पर मौजूद महिलाओं का आरोप है कि एसीपी सीलमपुर पुलिस बल के साथ धरना स्थल पहुंचे और कोरोना वायरस का डर दिखा कर धरना खत्म करने को कहा.

By

Published : Mar 8, 2020, 7:50 AM IST

in Seelampur Police tried to remove picket, fearing corona virus
पुलिस ने की कोरोना वायरस का डर बता धरना हटाने की कोशिश

नई दिल्ली: शाहीन बाग इलाके में चल रहे महिलाओं के धरने को पुलिस प्रशासन लाख कोशिश के बावजूद भी खत्म नहीं कर पा रहा है. लेकिन पुलिस ने अब सीलमपुर के जाफराबाद इलाके में चल रहे धरने को कोरोना वायरस का डर दिखा खत्म कराने की कोशिश शुरू कर दी है.

पुलिस ने की कोरोना वायरस का डर बता धरना हटाने की कोशिश

दरअसल धरना स्थल पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने धरने पर बैठी महिलाओं को कोरोना वायरस फैलने का डर दिखाते हुए उनसे धरने से हट जाने को कहा, हालांकि महिलाओं ने उन्हें जवाब देकर बैरंग लौटा दिया. फिलहाल महिलाओं का यह धरना बदस्तूर चल रहा है.



उत्तर पूर्वी जिले के सीलमपुर जाफराबाद इलाके में CAA, NRC और NRP के खिलाफ महिलाओं का धरना पिछले काफी दिनों से चल रहा है. शुरुआती दौर में जरूर इस धरने के समर्थन में पंहुचने वाले पुरुषों की बड़ी संख्या के चलते जरूर पुलिस प्रशासन को मशक्कत उठानी पड़ी हो, लेकिन महिलाओं को इधर नाम लगातार चलता रहा.

हालांकि इस दौरान इस धरने के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे पहुंच जाने से जरूर एक बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया था. हंगामे के बाद महिलाओं का यह धरना वापस जाफराबाद पुरानी जगह पहुंच गया.



एसीपी सीलमपुर ने कोरोना वायरस से भी डराया
धरने पर मौजूद महिलाओं का आरोप है कि एसीपी सीलमपुर पुलिस बल के साथ धरना स्थल पहुंचे और कहने लगे कि धरने पर कोई कोरोना वायरस से इंफेक्टेड महिला मौजूद है, जिसकी वजह से वायरस फैलने का खतरा है.

साथ ही उन्होने धरना खत्म करने को कहा, इतना ही नहीं महिलाओं का तो यह भी कहना था कि पुलिस आये दिन अलग अलग बातें बताकर उन्हें धरने से उठाने का दबाव डाल रही है.



धरना स्थल से हटा दिए गए पुलिस बैरिकेड
महिलाओं का यह भी आरोप है कि धरना स्थल के बाहर पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से बैरिकेड लगाए हुए थे, जिन्हें यह कहकर हटा दिया गया कि अब उन्हें पुलिस की कोई सुविधा नहीं दी जा सकती है. इतना ही नहीं पुलिस ने तो महिलाओं से यह तक कहा कि अब यहां बैठने पर उनकी खुद की ही जिम्मेदारी होगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details