नई दिल्ली: हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वो ये बताएं कि दिल्ली दंगा मामले के आरोपी शरजील इमाम और दूसरे उन आरोपियों की भूमिका में क्या अंतर था, जिन्हें पहले जमानत मिल चुकी है? जस्टिस सुरेश कैत की अध्यक्षता वाली बेंच ने शरजील इमाम की जमानत याचिका पर 19 फरवरी को सुनवाई करने का आदेश दिया.
सोमवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शरजील इमाम और दिल्ली पुलिस के वकील को निर्देश दिया कि वे अपनी लिखित दलीलें दाखिल करें. दरअसल, हाईकोर्ट ने जून 2021 में इस मामले के तीन आरोपियों आसिफ इकबाल तान्हा, देवांगन कलीता और नताशा नरवाल को जमानत दी थी. इनकी जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इन आदेशों को नजीर के रूप में पेश नहीं की जाएं.
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सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शरजील इमाम को खुद बताना चाहिए कि उनकी भूमिका तान्हा, कलीता और नरवाल से अलग कैसे थी? दिल्ली पुलिस के मुताबिक, दिल्ली दंगे में मुख्य भूमिका निभाने वालों में एक शरजील इमाम भी था. पुलिस के मुताबिक, शरजील इमाम ने नागरिकता संशोधन कानून और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों का उपयोग दंगा उकसाने के लिए किया.
बता दें, दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ यूएपीए के तहत दाखिल चार्जशीट में कहा है कि शरजील इमाम ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय स्तर पर ले जाने के लिए बेताब था और ऐसा करने की जी तोड़ कोशिश कर रहा था. दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, 153ए, 153बी और 505(2) के तहत एफआईआर दर्ज किया था.
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