नई दिल्लीः राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका पर बुधवार को सुनवाई की. इसमें सिंह की ओर से दलीलें रखी गई. कोर्ट 9 दिसंबर को ईडी की दलीलें सुनेगा. सुनवाई के दौरान संजय सिंह के वकील ने जमानत की मांग करते हुए कहा कि वो जमीन से जुड़े नेता हैं और उनके देश छोड़कर भागने का कोई खतरा नहीं है. 15 महीने तक इनके खिलाफ कोई आरोप नहीं था और न ही कोई पूछताछ हुई.
उन्होंने कहा कि फिलहाल कोई दस्तावेज भी नहीं है. यहां तक कि ईडी की पूरक चार्जशीट में संजय सिंह का नाम नहीं था. और तो और गिरफ्तारी से पहले तक कोई आरोप नहीं है. संजय सिंह के वकील ने कहा कि मामले में दाखिल की गई चार्जशीट में भी उनका नाम नहीं था. अब एजेंसी ने उनको मुख्य साजिशकर्ता बता दिया. जबकि, जांच एजेंसी ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. उस चार्जशीट में दो करोड़ रुपए संजय सिंह को कंपनियों से मिलने के बारे में एक बात भी नहीं कही गई.
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दिनेश अरोड़ा के बयान पर भी सवालःसंजय सिंह के वकील ने दिनेश अरोड़ा के बयान की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो शख्स कभी इस केस में आरोपी था. उसके बयान की कितनी विश्वसनीयता है. क्या यह माना जा सकता है कि बिना किसी दबाव, प्रलोभन के उसने संजय सिंह के खिलाफ बयान दिया. दिनेश अरोड़ा के सरकारी गवाह बनते ही चंदन रेड्डी चार अक्टूबर को अपनी याचिका वापस लेता है और फिर संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया जाता है.
कोर्ट ने 28 नवंबर को ईडी को नोटिस जारी किया था. संजय सिंह ने 24 नवंबर को पेशी के दौरान जमानत याचिका दायर किया था. बता दें, AAP सांसद ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर किया था. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि आप निचली अदालत में जमानत याचिका दायर करते तो बेहतर होता. उसके बाद संजय सिंह ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में जमानत याचिका दायर किया है. सिंह भी न्यायिक हिरासत में हैं.
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