नई दिल्ली: चुनाव हैं तो विकास की बातें होगी ही, लेकिन जहां विकास नहीं हुआ वहां सिर्फ बदलाव की बात हो रही है. ऐसा ही एक गांव है उत्तर-पूर्वी दिल्ली का जगतपुर गांव जो राजधानी का हिस्सा होते हुए भी हाशिये पर खड़ा है और विकास को तरस रहा है.
वर्तमान सांसद से नाराज दिखी जनता
जगतपुर गांव की ग्राउंड रिपोर्ट ईटीवी भारत की टीम जगतपुर गांव पहुंची, यहां बड़े बुजुर्गों से लेकर युवाओं तक सबसे बातचीत की गई. ये जानने की कोशिश की गई कि गांव में 5 साल में कितना विकास हो पाया और नहीं हुआ तो क्या वजह है?
स्थानीय लोगों की माने तो पिछले 5 साल में जगतपुर गांव में इलाके के सांसद मनोज तिवारी ने कोई खास काम नहीं कराया. सांसद तिवारी से लोग काफी खफा नजर आए. कुछ लोगों ने तो ये भी कहा कि मनोज तिवारी चुनाव जीतने के बाद एक बार भी जगतपुर गांव में नहीं पधारे.
अभी तक नहीं बन पाई सड़कें-स्थानीय लोग सड़कों का बुरा हाल
जगतपुर गांव की सड़कों का बुरा हाल है, बारिश के मौसम में सड़कों पर घंटों पानी भरा रहता है, लोगों के मुताबिक पानी निकासी का भी कोई इंतजाम नहीं है.स्थानीय लोगों ने बताया कि क्षेत्र में नालियां टूटी पड़ी हैं और सीवर खुले पड़े हैं जिसकी वजह से आवाजाही में लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
इलाके की सड़कों को देखे तो सड़कें काफी हद तक टूटी पड़ी है. लोगों ने इस पर भी नाराजगी जताई. कहा कि नेता आकर सड़क का उद्घाटन कर जाते हैं लेकिन आज तक सड़क बनने का कार्य शुरू नहीं हुआ है.
कुछ लोग तो ये भी बता रहे हैं कि उन्होंने इलाके में कई काम अपने पैसे से कराए हैं. लोगों ने अपने पैसे से सड़कें बनवाई है ताकि लोगों के लिए सहूलियत हो सके.
उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से मौजूदा सांसद मनोज तिवारी हैं, जिन्हें बीजेपी ने दोबारा चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और आम आदमी के टिकट पर दिलीप पांडे चुनाव लड़ रहे हैं. देखना ये है कि इस बार इलाके की जनता किस प्रत्याशी पर भरोसा जताती है?