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सरकार किसान बिल को रद्द करके समाधान निकाले: मौलाना आबिद

जमीयत उलेमा-ए-हिंद दिल्ली प्रदेश ने संवाददाता सम्मेलन करके किसान आंदोलन का समर्थन किया. अध्यक्ष मौलाना आबिद कासमी ने कहा है कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद का आला नेतृत्व किसानों के साथ खड़ा है. मौलाना ने बताया कि सिंधु बॉर्डर पर किसानों के लिए चाय-नाश्ता और खाने-पीने का भी इंतजाम जमीयत के कार्यकर्ताओं के जरिए किया जा रहा है.

Government resolves solution by canceling farmer bill: Maulana Abid
जमीयत उलेमा-ए-हिंद दिल्ली प्रदेश ने संवाददाता सम्मेलन

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Published : Dec 20, 2020, 3:03 PM IST

Updated : Jan 17, 2021, 7:19 PM IST

नई दिल्ली:जमीयत उलेमा-ए-हिंद दिल्ली प्रदेश ने आज एक संवाददाता सम्मेलन करके किसान आंदोलन का समर्थन किया. साथ ही केंद्र सरकार के जरिए लागू किए गए तीनों किसान विरोधी कानून को रद्द करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि किसानों को तरह-तरह में नाम देकर सिर्फ सरकार अपनी नाकामी को छुपाने की कोशिश कर रही है. किसानों को तोड़ने की कोशिश की जा रही है जोकि ठीक नहीं है.

जमीयत उलेमा-ए-हिंद दिल्ली प्रदेश ने संवाददाता सम्मेलन

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दिल्ली प्रदेश जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना आबिद कासमी ने कहा है कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद का आला नेतृत्व पहले ही दिन से किसानों के साथ खड़ा है. उन्होंने बताया कि दिल्ली के सभी बॉर्डर पर जहां-जहां किसान धरने पर बैठे हैं, वहां-वहां पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के कार्यकर्ता पहले से ही उनकी हर तरह से मदद कर रहे हैं.

सिंधु बॉर्डर पर किसानों के खाने-पीने का इंतजाम किया जा रहा


मौलाना ने बताया कि सिंधु बॉर्डर पर किसानों के लिए चाय-नाश्ता और खाने-पीने का भी इंतजाम जमीयत के कार्यकर्ताओं के जरिए किया जा रहा है. केंद्र सरकार के जरिए पास किए गए यह सभी तीनों कानून किसान विरोधी हैं. देश में 90 फीसद आबादी खेती किसानी करके अपना जीवनयापन करती है. इस आबादी को केंद्र के इस कानून से एतराज है. इस लिए किसान कानून को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं. अगर यह कानून किसानों के हित में होता तो देश का किसान इतनी सर्दी में खुले आसमान के नीचे आकर धरना प्रदर्शन नहीं करता.

आंदोलन का पुरजोर समर्थन

उन्होंने कहा कि हम जमीयत उलेमा-ए-हिंद की तरफ से इस आंदोलन का पुरजोर समर्थन करते हैं. किसानों के जज्बे को सलाम करते हैं कि वह दिल्ली के बॉर्डर पर इतनी शीतलहर में भी अपनी जान की परवाह किए बगैर तीनों किसान कानून को कानून को रद्द कराने के लिए मुस्तैदी के साथ जमे हुए हैं.

Last Updated : Jan 17, 2021, 7:19 PM IST

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