नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन जारी है. वहीं दूसरी ओर बीजेपी नेता लगातार किसान बिल की खूबियों को गिनाकर आंदोलन पर ही सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि पूरा किसान आंदोलन राजनीति से प्रेरित है और जिन दलों को राजनीतिक संरक्षण नहीं मिल पाता, वही इस आंदोलन का हिस्सा बने हुए हैं.
'पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है किसान आंदोलन' कांग्रेस शासित राज्य से शुरू हुआ आंदोलन: डॉ. चौधरी
उत्तर पूर्वी जिला भाजपा के नवनियुक्त महामंत्री डॉ. यूके चौधरी ने ईटीवी भारत से किसान आंदोलन पर बात करते हुए कहा कि किसान बिल को लेकर प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह और कृषि मंत्री जब भी कहीं मौका मिलता है या फिर रैली हो हमेशा कहते रहे हैं कि यह बिल पूरी तरह से किसानों के हित में है. किसानों को एमएसपी से घबराने की जरूरत नहीं है. आंदोलन पर सवाल खड़ा करते हुए डॉ. चौधरी ने कहा कि यह आंदोलन पंजाब के किसानों ने शुरू किया वहां कांग्रेस सत्ता में हैं अकसर देखा जाता है कि जनता सरकार की बात मानती है.
'मोदी सरकार के खिलाफ कुछ नहीं मिला तो किसान आंदोलन'
किसानों के नाम पर चलाएं गए इस मूवमेंट में खालिस्तान समर्थक, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर और शाहीन बाग की वह दादी शामिल हों तो कोई भी आसानी से समझ सकता है कि यह किसान आंदोलन पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. क्योंकि इन लोगों को मोदी के खिलाफ कोई चीज मिल नहीं रही है. मोदी सरकार में भ्रष्टाचार नहीं है. कैबिनेट और मंत्रालय स्तर पर तो बिल्कुल नहीं. भाजपा नेता ने कहा कि यह ठीक उसी प्रकार का आंदोलन करने की कोशिश की जा रही है जिस प्रकार NRC/ CAA आंदोलन के दौरान हुआा था. हमें लगता है कि किसानों के प्रतिनिधिमंडल और सरकार के बीच लगातार बातचीत का दौर चल रहा है. उम्मीद है कि किसान बिल को लेकर जिस तरह का भी कंफ्यूजन है उसे जल्द से जल्द दूर कर लिया जायेगा.
दिल्ली सरकार ने नहीं दिया किसानों का दर्जा
डॉ. यूके चौधरी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के किसानों को किसान का दर्जा भी नहीं दिया है. इतना ही नहीं वह तो दिल्ली विधानसभा में भी इसे 23 नवंबर को पास कराकर दिल्ली में इस बिल को अप्लाई करा चुके हैं. अब उन्होंने देखा कि किसान आंदोलन शुरू हो रहा है तो आंदोलन का समर्थन करने लगे. उन्होंने कहा कि पुरानी सरकारों ने किसानों को इतना छला है कि वह जल्दी से किसी पर विश्वास करने के लिए तैयार नहीं हैं. आंदोलन में शामिल कथित किसान तो यहां तक कह रहे है वह अपनी जान दे देंगे.
मौका देखते ही पहन लेते हैं हरी टोपी: डॉ. चौधरी
डॉ. चौधरी ने किसान आंदोलन पर ही सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सच्चाई तो यह है कि जिन दलों को राजनीतिक संरक्षण नहीं मिला. वह इस आंदोलन में शामिल हैं. चाहे वह समाजवादी पार्टी हो या फिर कांग्रेस या फिर टिकैत भाई जो मौका देखते ही हरी टोपी पहनकर आंदोलन में पहुंच गए.