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ETV मोहल्ला: बाढ़ से होती है पुराने उस्मानपुर की पहचान, जानें क्या बोले लोग - delhi assembly election 2020

दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर ईटीवी मोहल्ला की टीम उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में घोंडा विधानसभा के पुराना उस्मानपुर गांव में पहुंची. यहां के लोगों के मुताबिक उनके गांव की पहचान बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से होती है. हर साल यहां के लोगों को बाढ़ की समस्या से जूझना पड़ता है.

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ETV मोहल्ला कार्यक्रम के तहत घोंडा पहुंची ईटीवी भारत की टीम

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Published : Jan 5, 2020, 12:19 PM IST

नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में घोंडा विधानसभा क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण विधानसभा माना जाता है. यूं तो यहां स्थानीय विधायक श्रीदत्त शर्मा द्वारा क्षेत्र में विकास कार्य कराए जाने के दावे किए जाते हैं. लेकिन पुराना उस्मानपुर गांव के निवासियों की मानें तो उनके गांव की पहचान बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से होती है.

ETV मोहल्ला कार्यक्रम के तहत घोंडा पहुंची ईटीवी भारत की टीम

बाढ़ से प्रभावित होता है जनजीवन
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान पुराना उस्मानपुर गांव के निवासियों ने बताया कि हर साल बरसात के मौसम में यह पूरा इलाका जलमग्न हो जाता है और लोग अपने घरों को छोड़कर मुख्य सड़क पर पनाह लेते हैं.

कई बार स्थानीय विधायक को यहां बांध के निर्माण के लिए कहा गया है. लेकिन, अभी तक क्षेत्र में बांध का निर्माण नहीं कराया गया. जिस कारण हर साल यहां के लोगों को बाढ़ की समस्या से जूझना पड़ता है. लोगों ने बताया कि बाढ़ के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी मवेशियों को होती है. क्योंकि बाढ़ का पानी अपने साथ मवेशियों के चारे को भी बहा ले जाती है. जिस कारण कई दिनों तक मवेशी भी भूखे रहते हैं.

इतना ही नहीं मुख्य सड़क से गांव तक आने वाली सर्विस रोड भी कई जगह टूटी पड़ी है. लेकिन कई बार सूचना के बावजूद विधायक द्वारा क्षेत्र की सड़कों का निर्माण नहीं कराया गया है. जिस कारण यहां के निवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

NGT के आदेशों के कारण नहीं हो पा रहा बांध का निर्माण
पुराना उस्मानपुर गांव में बांध का निर्माण ना होने के सवाल पर घोंडा विधानसभा के विधायक श्रीदत्त शर्मा ने कहा कि यमुना के डूब क्षेत्र होने के कारण एनजीटी के आदेश पर वहां किसी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकता.

इसलिए उस गांव में बांध का निर्माण नहीं हो पा रहा. वहां के लोगों की समस्या को देखते हुए उन्हें न्यू उस्मानपुर गांव में प्लॉट दिए गए हैं. लेकिन लोग अपनी मर्जी से पुराना उस्मानपुर गांव में रह रहे हैं. अगर विकास की बात की जाए तो पूरे गांव में जगह-जगह पौधारोपण किया गया है क्योंकि एनजीटी के आदेश के अनुसार उस पूरे इलाके में किसी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकता.

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